'द ब्रोकन न्यूज' के दूसरे सीजन की कम हुई धार
नई दिल्ली। देश में मीडिया को लेकर पिछले कुछ वक्त से काफी कुछ कहा जाता रहा है। सोशल मीडिया की बहसों में अक्सर भारतीय मीडिया की कार्यशैली पर टीका-टिप्पणी पढ़ने को मिलती है। खासकर, न्यूज चैनलों में दिखाये जाने वाले कार्यक्रमों, समाचारों की प्राथमिकता और उनके प्रस्तुतिकरण के अंदाज पर सवाल उठाये जाते हैं।
मेहमानों के साथ एंकर्स का ऑनएयर संवाद, बोलने का अंदाज और पक्ष-विपक्ष को लेकर उनके सवाल-जवाब भी बहसों के दायरे में आते हैं। प्राइम टाइम कार्यक्रमों के लिए विषयों का चयन भी कई बार सवालों के घेरे में आता है।
जी5 पर प्रसारित हो रही सीरीज द ब्रोकन न्यूज ऐसे सभी घटनाक्रमों का स्क्रीन अडेप्टेशन है, जिसमें एक विवादित सरकारी कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में मुंबई के दो प्रमुख चैनलों के बीच निजी और व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता कहानी के केंद्र में है। विनय वायकुल निर्देशित सीरीज में सोनाली बेंद्रे, जयदीप अहलावत और श्रिया पिलगांवकर ने मुख्य किरदार निभाये हैं। इसका दूसरा सीजन प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम कर दिया गया है।
क्या है द ब्रोकन न्यूज 2 की कहानी?
आठ एपिसोड्स में फैली इस सीरीज का दूसरा सीजन सिक्के के दोनों पहलुओं को पात्र और घटनाओं के जरिए दिखाता है। न्यूज रूम्स में समाचारों के चयन को लेकर नई और पुरानी पीढ़ी के बीच वैचारिक मतभेद और सोशल मीडिया के दौर में समाचारों के बदले स्वरूप पर भी बात करता है। हालांकि, इस तरह के विषय पूर्व में आई सीरीज और फिल्मों में दिखाये जाने की वजह से द ब्रोकन न्यूज में ये सब देखना बासी लगता है और सीरीज किरदारों में दोहराव के कारण इसकी पकड़ ढीली पड़ती जाती है।
दूसरे सीजन की शुरुआत राधा भार्गव (श्रिया पिलगांवकर) के जेल में बंद होने से होती है। सराकार के मिशन अम्ब्रेला कार्यक्रम को एक्सोज करने के कारण वो देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद है। जोश 24×7 चैनल का एडिटर इन चीफ दीपांकर सान्याल (जयदीप अहलावत) राधा को माफी मांगने के लिए कहता है, मगर राधा इनकार कर देती है।
उसे जनता और अपने चैनल आवाज भारती का सपोर्ट है। उसके चैनल की हेड अमीना कुरैशी (सोनाली बेंद्रे) की कोशिशों के बाद राधा को जमानत मिल जाती है। जेल से बाहर आने के बाद राधा चैनल ज्वाइन करती है। ऑपरेशन अम्ब्रेला (डेटा गैदरिंग प्रोग्राम) और सान्याल के खिलाफ उसकी लड़ाई अब निजी हो चली है, मगर इसके बीच खड़े हैं पत्रकारिता के मूल्य। आगे की कहानी राधा के बदले और इसको लेकर चैनलों के बीच प्रोग्राम्स की खींचतान पर आधारित है।
कैसा है दूसरे सीजन का स्क्रीनप्ले?
समसामयिक घटनाक्रमों पर शोज बनाने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आज के दौर में चीजें तेजी से बदल रही हैं और कोई भी मुद्दा कुछ ही वक्त में पुराना लगने लगता है। द ब्रोकन न्यूज का पहला सीजन 2022 में आया था। दो साल के गैप के बाद दूसरा सीजन आया है। इस बीच भारतीय मीडिया में इतना कुछ घटित हो चुका है कि शो में दिखाई जाने वाली घटनाएं देखी हुई लगती है।
ब्रिटिश सीरीज 'प्रेस' के इस भारतीय रूपांतरण की स्टोरी, स्क्रीनप्ले और संवाद सम्बित मिश्रा ने लिखे हैं। उन्होंने शो को देश की मीडिया के मौजूदा ईको सिस्टम में ढाला है। सरकार का पक्ष लेने वाली मीडिया, खुद को तटस्थ दिखाती मीडिया और सोशल मीडिया के बेसिर-पैर की खबरों का प्राइम टाइम तक पहुंचाने की साजिश, ताकि लोगों का ध्यान असली मुद्दों पर ना जाए। सम्बित ने ऐसे घटनाक्रमों को स्क्रीनप्ले में पिरोया है। सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर की अचानक मौत का मुद्दा बड़ा है या लोगों के पीने के पानी में फॉर्मेलडिहाइड का मिला होना। एक चैनल इन्फलूएंसर की मौत के मुद्दे को प्राइम टाइम में दिखाकर टीआरपी बटोरता है तो दूसरे चैनल की टीम भी दबाव में आने लगती है।
आवाज भारती की हेड अमीना लोगों की समस्याओं को उजागर करने वाली पत्रकारिता करना चाहती है, मगर जब वो देखती है कि राधा भी सोशल मीडिया के विषयों की तरफ मुड़ रही है तो हैरानी होती है, मगर राधा का इसके पीछे मकसद होता है कि जोश 24X7 के सान्याल को किसी भी सूरत में शिकस्त देना। सिर्फ सनसनी और शोहरत के लिए सोशल मीडिया के कथित इन्फलूएंसरों के फिजूल बयानों पर प्राइम टाइम का कार्यक्रम कर देना, मीडिया की गंभीरता पर सवाल उठाता है। चैनलों के न्यूज रूम्स के बीच लड़ाई किस तरह कॉरपोरेट और पॉलिटिक्स से प्रभावित रहती है, स्क्रीनप्ले में यह भी शामिल किया गया है। सितारों के साथ सियासत की डील में मिडिलमैन की भूमिका निभाता मीडिया इसका हाइलाइट है। न्यूज चैनलों के न्यूज रूम दिखाने में थोड़ी नाटकीयता लिये हुए हैं।
कैसा है कलाकारों का अभिनय?
जोश 24X7 के चालाक और गतिशील एडिटर इन चीफ दीपांकर सान्याल के किरदार में जयदीप अहलावत रमे हुए नजर आते हैं। चैनल के मुखिया का रौब अभिनय के जरिए सामने लाने में जयदीप सफल रहे हैं। न्यूज रूम में प्रोग्राम के लिए विमर्श करते हुए साथियों के साथ उनका वार्तालाप दिलचस्प है। आवाज भारती की हेड अमीना कुरैशी के किरदार में सोनाली बेंद्रे ने सधी हुई अदाकारी का प्रदर्शन किया है। उनका सौम्य व्यक्तित्व और बोलने का ढंग अमीना के किरदार को विश्वसनीयता देता है। राधा भार्गव के किरदार में श्रिया पिलगांवकर की उपस्थित असरदार है। निर्देशक विनय वायकुल ने कहानी और स्क्रीनप्ले के दायरे में कलाकारों से ठीक काम लिया है। हालांकि, दूसरे सीजन में यह किरदार कम धारदार लगता है। सहयोगी किरदारों में इंद्रनील सेनगुप्ता, तारूक रैना, संजीता भट्टाचार्य ने अपने-अपने किरदारों के दायरे में ठीक लगते हैं।