-शराब ठेकेदार के सामने नतमस्तक आबकारी विभाग
-पटेल नगर की दुकान अब भी आनंद नगर में संचालित

एसएन सिंह

भोपाल नगर निगम का वार्ड 62 हमेशा सुर्खियों में रहा है, चाहे मामला अतिक्रमण का हो या अवैध रूप से संचालित शराब दुकान का। इस बार मामला शासकीय शराब दुकान के स्थान परिवर्तन का है। 25 साल पुरानी शराब दुकान के स्थान परिवर्तन से समस्या का निदान तो नहीं हुआ, लेकिन इससे स्वार्थ की रोटियां जरूर सिक गईं। मोहल्ले की महिलाओं को आगे कर आंदोलन कराया गया, जिसमें उसी मोहल्ले के रहने वाले एक ट्रांसपोर्टर और गुरुद्वारा कमेटी के उप प्रधान ने राष्ट्रीय राज मार्ग से  लगी अवैध दुकान में ही शराब की दुकान खुलवा दी। दुकान स्थानांतरित होने के दूसरे दिन इसी मोहल्ले की अन्य महिलाएं दुकान में विरोध करने पहुंच गईं। इसकी खबर मिलते ही गुरुद्वारा कमेटी आनंद नगर के उप प्रधान वहां पहुंच गए और महिलाओं से बोले कि आप मुझे चप्पल मार लीजिए, लेकिन मैं गारंटी लेता हूं कि शराब दुकान से आप लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी और अगर परेशानी हुई तो दुकान खाली करवा दूंगा। इसी के साथ मामला ठंडा हो गया।

इस आंदोलन में अपने आप को समाजसेवी, नेता कहने वालों की असलियत सामने आ गई है। स्वर्गीय पार्षद श्री घीसालाल यादव के नेता पुत्र मनीष यादव की चुप्पी और कांग्रेस नेता विपिन चौकसे, भाजपा के मंडल अध्यक्ष प्रदीप लोधी, आप पार्टी के उदयीमान नेता राकेश सिंह राका, गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जितेंद्र पाल सिंह गिल और राम मंदिर समिति आनंद नगर के अध्यक्ष एवं साहू समाज के अध्यक्ष विनोद साहू की उदासीनता समझ से परे है।

इस मामले में वार्ड 62 के पार्षद राजेश चौकसे ठेकेदार के 5 लाख के आॅफर को ठुकरा कर इस बात पर अड़े रहे कि दुकान स्थानांतरित होगी। उन्होंने प्रयास भी किया कि पटेल नगर की दुकान पटेल नगर में ही जाए, जिसमें वे असफल रहे और अंत में मात्र दस कदम दूर राष्ट्रीय राज मार्ग से लगी अवैध निर्मित दुकान में उनके मित्र सुखविंदर सिंह गिल के यहां दुकान खुल गई।
जहां सारे नेता, समाजसेवी चुप्पी साधे हैं, वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की सचिव संतोष  लोहट का कहना है कि शराब ठेकेदार की मनमानी नहीं चलेगी, जिस स्थान पर दुकान खुली है वह नियम के खिलाफ है।

क्या कहता है कानून:

इस मामले में हाई कोर्ट के वकील आर एन मिश्रा का कहना है कि वहीं स्टेट और नेशनल हाइवे में अब 220 मीटर दूरी तक शराब दुकानें खोली जा सकेंगी लेकिन इन हाइवे से शराब दुकानें न तो दिखनी चाहिए और न ही उसके बोर्ड लगाए जा सकेंगे।वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी नए संशोधन नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अब प्रदेश के जिन इलाकों की आबादी 20 हजार से कम है, वहां मदिरा बिक्री की कोई दुकान नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे या उसके सर्विस लेन के बाहरी किनारे से 220 मीटर से कम दूरी पर नहीं खोली जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि इन मार्गों पर शराब की उपलब्धता बताने वाले कोई साइन बोर्ड या विज्ञापन भी नहीं लगाया जा सकेगा।