नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार से आग्रह किया कि कोरोना के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों के खुलने के बाद मध्याह्न भोजन की व्यवस्था फिर से शुरु करें, ताकि बच्चों को गर्म और पका हुआ पौष्टिक भोजन मिल सके। रायबरेली से लोकसभा सदस्य गांधी ने कहा, देश की सभी संस्थाओं में स्कूल ही सबसे पहले बंद हुए थे और सबसे आखिर में खुले हैं। जब स्कूल बंद हुए थे, तब मध्याह्न भोजन की व्यवस्था भी रुक गई थी। ये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश थे जिनके कारण लोगों को सूखा राशन दिया गया, लेकिन बच्चों के लिए सूखा राशन, पके हुए पौष्टिक भोजन का कोई विकल्प नहीं है।’’
सोनिया गांधी ने कहा, यह सच है कि हमारे बच्चों के परिवारों की आजीविका को बहुत बुरे संकट का सामना करना पड़ा है। लेकिन अब जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में वापस आ रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की आवश्यकता है। इतना ही नहीं मध्याह्न भोजन से उन बच्चों को वापस स्कूल लाने में भी मदद मिलेगी, जो इस महामारी के दौरान स्कूल छोड़ चुके हैं। उनका कहना था, ‘‘ राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के अनुसार हाल के वर्षों में 5 वर्ष से कम आयु के वहां बच्चे, जो बेहद कमजोर हैं, उनका प्रतिशत 2015-16 की तुलना में बढ़ा है। यह चिंताजनक है और इस रोकने के लिए सरकार को हर संभव प्रयास करना चाहिए।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मैं केन्द्र सरकार से आग्रह करती हूं कि आईसीडीएस कार्यक्रम के तहत गर्म और पका हुआ भोजन देने की व्यवस्था फिर से शुरू की जाए और मध्याह्न भोजन को भी तुरंत शुरु किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया, पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के वाजिब प्रावधान करना चाहिए और साथ ही आंगनबाड़ियों के माध्यम से गर्म, पका हुआ भोजन तीन साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी उपलब्ध होना चाहिए। इसके लिए सामुदायिक रसोई शुरू करने का प्रावधान करना चाहिए।’’