भोपाल । परिवहन विभाग में पिछले कुछ माह से लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड को लेकर अराजकता का दौर है। करीब चार माह से पुरानी गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं आए हैं और एक माह से लाइसेंस कार्ड भी खत्म हो चुके हैं। इसके कारण 50 हजार से ज्यादा कार्ड पेंडिंग हो चुके हैं। जिन लोगों को कार्ड नहीं मिले हैं ऐसे सैकड़ों आवेदक परेशान होकर रोजाना आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। परिवहन विभाग भी कार्ड की कमी से परेशान है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में परिवहन विभाग से अनुबंध के तहत कार्ड को उपलब्ध करवाने से लेकर प्रिंट करने तक का काम स्मार्टचीप कंपनी द्वारा किया जाता है। लेकिन कंपनी लंबे समय से चीप लगे कार्ड उपलब्ध नहीं करवा पा रही है जिसके कारण भोपाल सहित पूरे प्रदेश में रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस कार्ड्स की किल्लत बनी हुई है। परिवहन विभाग का कंपनी से चीप लगे कार्ड देने का ही अनुबंध है और कंपनी का कहना है कि ऐसे कार्ड चीन से आते हैं और लंबे समय से चीप की कमी के कारण चीन से ऐसे कार्ड नहीं आ पा रहे है। पहले ये कमी सिर्फ रजिस्ट्रेशन कार्ड को लेकर थी लेकिन अब लाइसेंस कार्ड भी खत्म हो चुके हैं। इससे पुरानी गाडिय़ों के ट्रांसफर रिन्युअल डुप्लीकेट फाइनेंस चढ़वाने और कटवाने पर रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिल पा रहे हैं जिनकी पेंडेंसी करीब 35 हजार से ज्यादा है। वहीं लाइसेंस की बात करें तो नए से लेकर पुराने तक सभी तरह के लाइसेंस जारी होना एक माह से बंद हो चुका है जिससे 15 हजार से ज्यादा लाइसेंस पेंडिंग हो चुके हैं और दोनों का कुल आंकड़ा 50 हजार के पार जा चुका है।

लाखों आवेदक परेशान
परिवहन विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार का स्मार्टचीप कंपनी से चीप लगे कार्ड जारी करने का अनुबंध हुआ था। लेकिन ऐसे कार्ड नहीं मिल पाने पर सरकार को चाहिए की इस अनुबंध को बदले या कुछ समय के लिए इसमें रियायत देते हुए बिना चीप लगे कार्ड को भी मान्यता दे जिससे प्रदेश स्तर पर परेशान लाखों आवेदकों को रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस कार्ड मिल सके। लेकिन सरकार जटिल प्रक्रिया से बचने के लिए लाखों लोगों को जटिल परिस्थिति में छोड़कर बैठी है क्योंकि नियमों में बदलाव के लिए ना सिर्फ परिवहन विभाग बल्कि वित्त और राजस्व विभाग से भी मंजूरी लेना जरुरी है हालांकि मंत्री और अफसर चाहें तो इसे किया जा सकता है। जैसे इस परेशानी को देखते हुए पिछले दिनों विभाग ने नई गाडिय़ों के कार्ड चीप के बजाए क्यूआर कोड वाले कार्ड जारी करने का अनुबंध किया है।

सीएम हेल्प लाइन में दुगनी हुई शिकायतें
लंबे समय से कार्ड नहीं मिल पाने के कारण जहां सैकड़ों आवेदक आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगा हैं वहीं कई ऐसे भी जिन्होंने कार्ड ना मिल पाने की शिकायत सीएम हेल्प लाइन पर भी कर दी है। इसके कारण सीएम हेल्प लाइन में शिकायतों के निराकरण में सबसे आगे रहने वाला इंदौर आरटीओ ऑफिस इन दिनों इन शिकायतों के बोझ तले दबा हुआ है। अधिकारियों की माने तो हेल्प लाइन पर शिकायतों की संख्या दुगनी से ज्यादा हो चुकी है। इसके बाद भी कार्ड जारी नहीं हो पा रहे हैं।