श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर देश और दुनियाभर के श्रीकृष्ण मंदिरों में भगवान बाल गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती हैं. रात्रि के निशिता मुहूर्त में लड्डू गोपाल का जन्म उत्सव मनाया जाता है. इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त दिन सोमवार को है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी ति​थि को रोहिणी नक्षत्र में रात के समय में हुआ था. इस बार जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर में 3:55 बजे से लेकर अगले दिन 27 अगस्त को सुबह 5:57 बजे तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग एक शुभ योग होता है, इसमें कार्य करना शुभ फलदायी माना जाता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं जन्माष्टमी की पूजा के मंत्रों के बारे में.

जन्माष्टमी 2024 पूजा मंत्र
ज्योतिषाचार्य डॉ. भार्गव बताते हैं कि आपको अपने घर पर यदि विधि विधान से जन्माष्टमी की पूजा करानी है तो उसके लिए आपको किसी पुरोहित या आचार्य को आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि व​ह नियमपूर्वक पूजन कराएंगे. य​दि आप स्वयं करना चाहते हैं तो पंचोपचार पूजन करें. इसमें धूप, दीप, गंध, फूल और नैवेद्य आदि से सरल विधि से पूजा होती है. यह आम जनमानस के लिए आसान है. इसमें आप चाहें तो कुछ पूजन मंत्र का उपयोग कर सकते हैं. आइए जन्माष्टमी पूजा के कुछ प्रमुख मंत्रों के बारे में जानते हैं.

1. आवाहन मंत्र
अनादिमाद्यं पुरुषोत्तमोत्तमं श्रीकृष्णचन्द्रं निजभक्तवत्सलम्।
स्वयं त्वसंख्याण्डपतिं परात्परं राधापतिं त्वां शरणं व्रजाम्यहम्।।

2. ध्यान मंत्र
ओम नारायणाय नमः, अच्युताय नमः, अनन्ताय नमः, वासुदेवाय नमः.

3. पंचामृत स्नान मंत्र
पंचामृतं मयाआनीतं पयोदधि घृतं मधु, शर्करा च समायुक्तं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्.
ॐ भूर्भुवः स्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नमः, पंचामृतस्नानं समर्पयामि.

4. पूजा मंत्र
ओम नमो भगवते वासुदेवाय.

ओम कृष्णाय वासुदेवाय गोविंदाय नमो नमः.

जन्माष्टमी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 45 मिनट तक का है. आप पूजा रात में 12:01 बजे से 12:45 बजे के बीच कर सकते हैं. इस समय सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा.

जन्माष्टमी के अवसर पर आप व्रत रखकर विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करेंगे तो वे आपसे प्रसन्न होंगे. उनकी कृपा से आपके कार्य पूरे होंगे और मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी.