मुंबई । विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को संरक्षित करने के लिए एकत्र किए गए 57 करोड़ रुपये के कोष की कथित धांधली के संबंध में मामला दर्ज किए जाने के बाद से भाजपा नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे 'गायब' बताए जा रहे हैं। मुंबई से पूर्व सांसद किरीट सोमैया और उनके बेटे नील पर इस मामले में आरोप लगाए गए हैं। महाराष्ट्र के गृह विभाग का दावा है कि आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए चलाए गए चंदा वसूली अभियान में कथित भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद से किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया अंडरग्राउंड हो गए हैं। मुंबई पुलिस को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। न ही दोनों का कोई अता पता चल रहा है। महाराष्ट्र गृह विभाग के अनुसार, किरीट सोमैया और उनके बेटे नील का पता नहीं चल पाया है कि वह कहां हैं। इससे पहले गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। न्यायाधीश ने किरीट की याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिनसे पता चलता है कि आरोपी ने सेवामुक्त विमानवाहक युद्धपोत को विखंडन से बचाने के लिए किस प्रकार पैसे एकत्र किए लेकिन उसे राज्यपाल कार्यालय में जमा नहीं किया। इस बीच राकांपा ने किरीट सौमैया और उनके बेटे के कथित लापता होने पर भी सवाल खड़ा किया है। रकांपा ने सोमवार को सवाल किया कि भाजपा नेता किरीट सोमैया, जिन्हें 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, वह "गायब" कैसे हो सकते हैं।" महाराष्ट्र राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने एक बयान में कहा कि क्या वह "मिस्टर इंडिया" हो गए हैं। उन्होंने कहा, "जेड श्रेणी की सुरक्षा वाला व्यक्ति अचानक कैसे गायब हो जाता है