भोपाल। मप्र में करीब 5-6 साल बाद परमाणु संयंत्र से उत्पादित बिजली मिलने की संभावना है। संभावना जताई जा रही है कि मंडला के चुटका और शिवपुरी के भीमपुर में बन रहा परमाणु ऊर्जा संयंत्र  2029-30 में तैयार हो जाएगा। इनसे बिजली बनने लगेगी। ऊर्जा विभाग सहमति पत्र जारी कर चुका है। इसके बाद खरीदी के लिए निजी कंपनियों पर निर्भरता भी कम होगी। अभी 33 प्रतिशत बिजली निजी कंपनियों से खरीदी जा रही है। इसमें गैर परंपरागत तरीकों से बनी बिजली की भागीदारी भी लगातार बढ़ रही है। मप्र सरकार ने इन दोनों परियोजनाओं के निर्माण में आ रही रुकावटें दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव जल संसाधन व लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव राजस्व, संभागायुक्त जबलपुर, कलेक्टर मंडला संचालक एनपीसीआईएल, कार्यपालक निदेशक एनपीसीआईएल, परियोजना निदेशक चुटका/भीमपुर एनपीसीआईएल को सदस्य और मुख्य निर्माण अभियंता एवं इकाई प्रमुख चुटका परियोजना एनपीसीआईएल को कमेटी का समन्वयक बनाया गया है।
जानकारी के अनुसार सौर ऊर्जा के साथ ही प्रदेश सरकार अब परमाणु बिजली के उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है। प्रदेश में दो बड़ी परमाणु ऊर्जा परियोजनाएं आकार लेंगी। इनमें से एक परमाणु ऊर्जा परियोजना की क्षमता 1400 मेगावाट और दूसरी परमाणु ऊर्जा परियोजना की क्षमता 2800 मेगावाट होगी। इस तरह दोनों परियोजनाओं से कुल 4200 मेगावाट परमाणु ऊर्जा का उत्पादन होगा। परियोजनाओं का निर्माण न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की ओर से किया जा रहा है। ये परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करने वाले प्रदेश के पहले संयंत्र होंगे। मप्र सरकार निजी क्षेत्र से ताप विद्युत, जल विद्युत, सौर ऊर्जा और पवन एवं बायो ऊर्जा खरीद रही है। बीते तीन साल के आंकड़े देखें तो सरकार द्वारा प्रदेश के लिए खरीदी गई कुल बिजली में से निजी क्षेत्र का हिस्सा घट रहा है, लेकिन खरीदी गई यूनिट देखें तो निजी क्षेत्र से खरीदी बढ़ रही है। 2021 में कुल खरीदी में निजी क्षेत्र की बिजली का हिस्सा 34 प्रतिशत था वह 2022 में 32 और 2023 में 32.86 प्रतिशत हो गया।
चुटका 1200 और भीमपुर संयंत्र 2000 एकड़ में
ऊर्जा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक चुटका चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र मंडला जिले के के चुटका गांव में निर्माणाधीन है। यह 1200 एकड क्षेत्रफल में फैला होगा। इस परियोजना में 700 मेगावाट क्षमता के दो रिएक्टर निर्मित किए जाएंगे, जिनसे कुल 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इसके निर्माण पर 17 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी। भीमपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र मप्र के शिवपुरी जिले में निर्माणाधीन है। यह 2 हजार एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैला होगा। इस परियोजना में 700 मेगावाट के 4 रिएक्टर निर्मित किए जाएंगे, जिनसे 2800 मेगावाट परमाणु बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना के निर्माण पर 35 हजार करोड़ का व्यय अनुमानित है। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही प्रोजेक्ट सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं और इनके निर्माण में कई तरह की बाधाएं आना स्वाभाविक है। कमेटी बनाने का सरकार का मुख्य मकसद परियोजनाओं के निर्माण कार्य में गति लाना है, ताकि इन्हें समय पर पूरा किया जा सके। कमेटी का कार्यकाल दोनों परियोजनाओं का संचालन शुरू होने तक रहेगा। समिति प्रस्तावित परियोजनाओं के परिप्रेक्ष्य में भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, परियोजनाओं में विस्थापित परिवारों के पुनर्वास आदि के संबंध में शासन को विस्तृत प्रतिवेदन देगी। समिति द्वारा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विधिक मंजूरी जैसे-सार्वजनिक सुनवाई, भूमि अधिग्रहण, वन व पर्यावरणीय स्वीकृति आदि के संबंध में प्रशासनिक सहयोग किया जाएगा। एनपीसीआईएल द्वारा परियोजनाओं की प्रगति के संबंध में समिति के समक्ष समय-समय पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की जाएगी, जिसके आधार पर समिति द्वारा बिजली क्रय अनुबंध के परिप्रेक्ष्य में अनुशंसा की जाएगी।