गांधीनगर बाजार को गारमेंट हब के रूप में किया जाएगा विकसित
दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 75 हजार 800 करोड़ का रोजगार बजट पेश किया है। बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। केजरीवाल सरकार की योजना गांधीनगर मार्केट को ग्रांड गारमेंट हब के रूप में विकसित करने की है। बजट पेश करते हुए दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि गांधीनगर मार्केट को रेडीमेट गारमेंट टेक्सटाइल हब बनाया जाएगा। इससे वहां अगले पांच सालों में 40 हजार नए रोजगार पैदा होंगे। सरकार की योजना अगले पांच सालों में 20 लाख रोजगार पैदा करने की है। ऐसे में यह महत्वाकांक्षी योजना है। सिसोदिया ने कहा कि रोजगार पैदा होने से लोगों के हाथ में पैसे आएंगे और वे खर्च करेंगे जिससे इकोनॉमी को मदद मिलेगी।
दिल्ली का गांधीनगर मार्केट एशिया का सबसे बड़ा गार्मेंट हब है।गांधीनगर बाजार छोटे ग्राहकों से लेकर बड़े ग्राहक, व्यापारियों के रोजगार और व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र है। गांधीनगर बाजार वक्त और मौसम के साथ बदल जाता है। गर्मी के दिनों में यहां सूती और हल्के कपड़े मिलते हैं, वहीं सर्दी के दिनों में चीन समेत भारत में ही बने जैकेट, ऊनी कपड़ों से अटा रहता है।1970 में बसा था गांधी नगर मार्केट, करीब एक हजार रुपए से शुरू हुआ था कारोबार। अब त्योहारी सीजन में प्रतिदिन करीब 200 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। गांधीनगर बाजार में औसतन रोजाना आधार पर 100 करोड़ का कारोबार होता है। आधिकारूक रूप से 10 हजार से अधिक दुकानें अकेले इस मार्केट में है, जबकि अनाधिकारिक रूप से 15-20 हजार दुकानें प्रतिदिन इस मार्केट में खुलती हैं। होलसेल ट्रेडिंग के लिए दिल्ली बहुत बड़ा बाजार है। दिल्ली का 60 फीसदी बिजनेस होलसेल में किया जाता है। दिल्ली के व्यापारियों ने ग्राहकों में इसको लेकर विश्वास पैदा किया है। दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल के लिए 250 करोड़ का ऐलान किया गया है