मशहूर डांसिंग कॉप रंजीत सिंह ने संभाली ग्वालियर की ट्रैफिक व्यवस्था..
ग्वालियर | अपने अलग अंदाज में ट्रैफिक संभालने वाले इंदौर के डांसिंग कॉप रंजीत सिंह इन दिनों ग्वालियर में ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे हैं। वह ट्रैफिक के सिग्नल के प्रति लोगों को अवेयर कर रहे हैं। दरअसल ग्वालियर जिले में तेजी से एक्सीडेंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस साल अकेले ग्वालियर जिले में जनवरी से सितंबर तक नौ महीने में 1,539 सड़क हादसे हो चुके हैं। इनमें 222 लोगों की मौत हुई हैं, जबकि 1385 लोग घायल हुए हैं। यह आंकड़े रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा तैयार किए गए डाटाबेस के आधार पर हैं।
डांस करते हुए अनोखे अंदाज में ट्रैफिक संभालने वाले प्रधान आरक्षक रंजीत सिंह अब ग्वालियर में ट्रैफिक मैनेजमेंट के गुर सिखा रहे हैं। ग्वालियर की सड़कों पर वे अपने डांसिग अंदाज में लोगों को अवेयर कर रहे हैं। ग्वालियर पुलिस को रंजीत की जरूरत रोड़ एक्सीड़ेट के बढ़ते मामलों के बाद पड़ी है। वहीं रंजीत सिंह ने कहा कि वो एक्सीडेंट रोकने के लिए लोगों को अवेयर कर रहे हैं। साथ ही डांसिग करने के पीछे उद्देश्य यह है, कि लोग डांस देखकर स्ट्रेस फ्री रहें।
अधिकतर हादसे उन थाना क्षेत्रों में हुए है, जहां ट्रैफिक की रफ्तार तेज है और सड़कें चौड़ी हैं। शहरी क्षेत्र तथा मुख्य मार्ग से जो पुलिस थाने दूर हैं, वहां इस तरह की घटनाएं बहुत कम दर्ज की गई हैं। शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 115 एक्सीडेंट गोला का मंदिर थाना क्षेत्र में हुए हैं। इनमें भी अधिकतर हादसों के पीछे कारण, वाहनों की तेज रफ्तार ही रहा है। दूसरी तरफ जिले में भंवरपुरा थाना ही ऐसा है, जहां इस अवधि में कोई सड़क हादसा दर्ज नहीं हुआ। इसका कारण, यह थाना मुख्य सड़क से अंदर ग्रामीण क्षेत्र में है। यहां पर वाहनों की आवाजाही अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी कम है। ऐसे ही ग्वालियर के आरोन-करहिया में 2-2, तिघरा में 3 तथा गिजोर्रा थाना क्षेत्र में 5 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं।
वर्तमान में ग्वालियर जिले में पंजीकृत दो पहिया वाहनों की संख्या 5 लाख 93 हजार 869 तक पहुंच गई है। जबकि चार पहिया वाहन 1 लाख 11 हजार 405 हैं। साल के अंत तक इनमें और वृद्धि संभव है। लेकिन वाहनों की संख्या के आधार पर ट्रैफिक पुलिस के पास बल कम है। दूसरा राजनीतिक दखल भी बढ़ता जा रहा है। इन दोनों कारणों से ही चालानी की रफ्तार भी घटती जा रही है। पिछले 9 महीने में सिर्फ 37,224 लोगों के चालान पुलिस कर सकी है।