भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन गुरुवार को भी हंमामे के साथ शुरू हुआ। इससे पहले ही विधानसभा के बाहर तीसरे दिन भी कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया। किसानों की लहसून के दाम नहीं मिलने, पोषण आहार घोटाले के बाद गुरुवार को आदिवासी विधायकों के साथ अभद्रता के आरोप को लेकर धरने पर बैठ गए।  स्पीकर ने प्रश्नकाल की शुरुआत करते हुए प्रश्नोत्तर सूची में शामिल हीरालाल अलावा का नाम पुकारा। सवाल जवाब का क्रम शुरू होता इसके पहले ही भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा जोर-जोर से चिल्लाते हुए कहने लगे कि मेरे ऊपर हमला हुआ है। उन्होंने आसंदी के समक्ष आते हुए कहा कि मुझे सुरक्षा प्रदान की जाए। जोर-जोर से चिल्लाकर कह रहे थे कि मुझे अध्यक्ष महोदय सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। विपक्षी दल के सदस्यों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के आदिवासी विधायक के ऊपर हमला हुआ है। उसके साथ अभद्रता की गई है। स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाए। उन्होंने इस घटना के लिए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का इस्तीफा मांगा।

विधायकों में तीखी बहस
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पोषण आहार विधायक के साथ मारपीट सहित अन्य मामलों पर विधायकों में तीखी बहस शुरू। बहस ज्यादा होने के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। स्पीकर ने कहा कि मैंने भी आप लोगों को भरोसा दिलाया था कि चर्चा करेंगे, मैंने नाम भी पुकारा लेकिन चर्चा के लिए कोई आगे नहीं आया। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आज चर्चा नहीं हो सकती। इसको लेकर सत्ता और विपक्ष दल के सदस्यों में तीखी नोकझोंक बहस शुरू हो गई। हंगामा बढ़ते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने पोषण आहार पर दिए गए इस तरह प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने की मांग दोहराई। उनका कहना था कि हमारे दल के और से स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने का ज्ञापन पूर्व में ही दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आप लोगों को चर्चा का मौका दिया गया। सदन के नेता मुख्यमंत्री बोल रहे थे, लेकिन आपने उनकी चर्चा नहीं सुनी।