बेंगलुरु। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का परिवार विवादों में आ गया है। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने खड़गे परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) की जमीन के कथित आवंटन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।  
सांसद सिरोया ने खड़गे परिवार से सवाल पूछा कि वे जमीन के पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बने? उन्होंने जानना चाहा कि क्या यह मामला सत्ता के दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव से जुड़ा हुआ है? सिरोया ने बयान में कहा, रिपोर्ट से पता चला है कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट (सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट) को बेंगलुरु के पास हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में एससी आरक्षित वर्ग के तहत नागरिक सुविधाओं के लिए कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की 5 एकड़ जमीन (कुल 45.94 एकड़ जमीन) आवंटित की गई है। राज्यसभा सांसद सिरोया ने कहा, दिलचस्प यह है कि ट्रस्ट के ट्रस्टियों में खुद खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई खड़गे, दामाद और गुलबर्गा के सांसद राधाकृष्ण डोड्डामणि, बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे और एक अन्य बेटे राहुल खड़गे शामिल हैं। उन्होंने सवाल किया कि उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने मार्च 2024 में इस आवंटन के लिए सहमति कैसे दी?
भाजपा सांसद ने पूछा, खरगे परिवार केआईएडीबी भूमि का पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गया? कथित अवैध आवंटन का मामला एक आरटीआई कार्यकर्ता के जरिए राजभवन तक भी पहुंच गया है। 
आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश कल्लाहल्ली ने सीए साइट के आवंटन में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के पास शिकायत दर्ज करा दी है। उन्होंने राज्यपाल से लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराने की अनुमति देने के लिए मंत्री पाटिल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने का भी अनुरोध किया है। आरटीआई कार्यकर्ता कल्लहल्ली ने कहा कि कई योग्य आवेदकों में से राहुल खड़गे को ये साइटें आसानी से क्यों दे दी गईं? उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों ने चुनिंदा आवेदकों को आमंत्रित कर उनका पक्ष लिया। 
वहीं, कर्नाटक के उद्योग मंत्री पाटिल ने सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को साइट आवंटन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं है। साइट को निर्धारित मूल्य पर और बिना किसी छूट के दिया गया है। मंत्री पाटिल ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के सुपुत्र राहुल की अध्यक्षता वाले सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को केआईएडीबी के मानदंडों के अनुसार एयरोस्पेस पार्क में एक सीए (नागरिक सुविधाएं) प्लॉट निर्धारित मूल्य पर आवंटित किया गया है। उद्योग मंत्री ने बताया कि राहुल आईआईटी स्नातक हैं और वे आवंटित भूमि पर रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर (आरएंडडी ) स्थापित करना चाहते थे।
इस विवाद पर प्रियांक खड़गे ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने भाजपा सांसद सिरोया पर तंज करते कहा, अल्प ज्ञान खतरनाक होता है। सबसे पहले बताना चाहते हैं कि आवंटित स्थल औद्योगिक या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए बनाया गया कोई औद्योगिक भूखंड नहीं है। यह शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। ट्रस्ट का इरादा सीए साइट पर मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने का है। क्या यह गलत है? केआईएडीबी ने सीए साइट के लिए ट्रस्ट को कोई सब्सिडी नहीं दी है या साइट की लागत कम नहीं की है या भुगतान शर्तों में कोई छूट प्रदान नहीं की है। एससी/एसटी संगठनों को आवंटित नागरिक सुविधा प्लॉट के लिए कोई सब्सिडी या रियायती दरें नहीं हैं। 
प्रियांक ने कहा, क्या आप जानना चाहते कि आपकी सरकार ने संघ समर्थित राष्ट्रोत्थान और चाणक्य यूनिवर्सिटी को प्रदेशभर में जमीनें कैसे दे दीं? फिर आपकी जुबां क्यों बंधी हुई थी?