हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा सबसे पवित्र पौधा माना जाता है। तुसली के पौधे से कई पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है। कहते है जब भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के चरण एक साथ पड़े थे तब तुलसी की उत्पत्ति हुई थी। तुलसी को वृंदा भी कहते है। वृंदावन का नाम भी इसी वृंदा के नाम से पड़ा है। तुलसी का पौधा भगवान श्री कृष्ण को अतिप्रिय है। भगवान के भोग में यदि तुलसी के पत्ते न रखे जाए तो भगवान का भोग अधूरा माना जाता है। तुलसी का पौधा घर में लगाना अत्यंत शुभ होता है और सुबह शाम इसकी पूजा करनी चाहिए। इस पौधे की साफ सफाई का खास ध्यान रखे क्योंकि इसमें स्वयं माँ लक्ष्मी वास करती है। तुलसी के पौधे का सुखना अशुभ होता है लेकिन तुलसी की सूखी पत्तियां बहुत ही उपयोगी और चमत्कारी होती है। आज हम आपको तुलसी की सूखी पत्तियों के उपयोग बतायेंगे

देवी लक्ष्मी की कृपा हर कोई चाहता है। सब चाहते है कि देवी लक्ष्मी उन पर हमेशा मेहरबान रहे और उनके घर में कभी भी धन संपत्ति की कमी न हो। इसके लिए लोग तरह तरह के उपाय भी करते है और जीवन में धन कमाने के लिए कड़ी मेहनत भी करते है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि धन से जुड़ी समस्याओं का अंत नही होती है। ऐसे में तुलसी के सूखे पत्ते आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। आपको तुलसी की सूखी पत्तियों को इक्कठा करना है और उन्हें लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर रखना है। इससे आपके ऊपर देवी लक्ष्मी की कृपा बनेगी और साथ ही आर्थिक उन्नति भी होगी।

कई बार ऐसा होता है कि घर में नकारत्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है तो ऐसे में व्यक्ति को चाहिए कि वह तुलसी के कुछ सूखे पत्ते ले और उन्हें गंगाजल में डाल लें। उसके बाद उस जल से पूरे घर में छिड़काव करें ऐसा करने से घर से नकारत्मक ऊर्जा दूर होगी। आप चाहे तो आप रोज भी यह कार्य कर सकते है इससे घर में नकारत्मक ऊर्जा का प्रवेश नही होगा और घर में खुशहाली का वातावरण बना रहेगा।

भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को लड्डू गोपालजी कहते है। लड्डू गोपालजी को स्नान कराते समय आप उनके जल में तुलसी के सूखे पत्ते डाल सकती है यह बहुत शुभ माना जाता है। आप चाहे तो अपने स्नान के जल में भी तुलसी के सूखे पत्ते मिला सकते है इससे शरीर में जितनी भी नकारत्मक ऊर्जा होती है वह निकल जाती है। भगवान श्री कृष्ण को तुलसी कितनी प्रिय है यह सभी जानते है। भगवान श्री कृष्ण का भोग बिना तुलसी के पत्ते अधूरा माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण के भोग के लिए आप 15 दिनों तक तुलसी की एक पत्ती का इस्तेमाल कर सकते है।