प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नामांकन के जरिये विपक्ष के सामने एनडीए के एका की बड़ी तस्वीर भी खींच दी। प्रधानमंत्री के नामांकन में देश के पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण सभी दिशाओं से नेता पहुंचे।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 26 नेता मौजूद रहे। इसमें गठबंधन से जुड़े विभिन्न दलों के 16 राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृहमंत्री और रक्षामंत्री भी नामांकन समारोह का हिस्सा बने। इसे सिर्फ शक्ति प्रदर्शन भी नहीं कहेंगे क्योंकि नामांकन में शामिल नेताओं से प्रधानमंत्री ने विपक्ष का पूरा जाति का गुणा-भाग बिगाड़ दिया। 

प्रधानमंत्री के नामांकन में तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, असम और मेघालय राज्यों के बड़े सवर्ण, ओबीसी और दलित नेताओं की मौजूदगी रही। इनका अपने राज्यों में बड़ा प्रभाव है। 

चार केंद्रीय मंत्री

अमित शाह, गृहमंत्री : लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के चुनावी कार्यालय का शुभारंभ किया। चुनावी कमान खुद संभाले हुए हैं।
राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री : चंदौली के चकिया गांव के राजनाथ सिंह उप्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2005-2009, 2013-14 तक भाजपा अध्यक्ष रहे। देश के क्षत्रिय वोटों में अच्छा प्रभाव रहता है।
हरदीप पुरी, केंद्रीय मंत्री : सिख समाज से आने वाले हरदीप पुरी 1994-1997 और 1999-2002 तक विदेश मंत्रालय व 1997 से 1999 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव और 2009 से 2013 तक विदेश मंत्रालय में भारत सरकार (आर्थिक संबंध) के सचिव के रूप में। वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री हैं।
रामदास अठावले, केंद्रीय मंत्री : महाराष्ट्र के दलित समुदाय से आने वाले रामदास अठावले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। देश के बड़े दलित नेताओं में गिनती।

16 राष्ट्रीय अध्यक्ष

  • जेपी नड्डा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा : हिमाचल सरकार में मंत्री रहे, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के प्रभारी रहे।
  • चंद्रबाबू नायडू, पूर्व मुख्यमंत्री : तेलगु देशम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। आंध्र प्रदेश में एनडीए के प्रमुख घटक दल हैं।
  • पवन कल्याण, अभिनेता व राजनेता : दक्षिण भारत के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। 2014 को जन सेना पार्टी की स्थापना की और प्रधानमंत्री को अपना समर्थन दिया।
  • चिराग पासवान, लोजपा प्रमुख : बिहार के दलित समुदाय से संबंध रखने वाले दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान वर्तमान में लोजपा प्रमुख है। बिहार में जदयू के साथ एनडीए के प्रमुख घटक दल हैं।
  • जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे जीतन राम मांझी बिहार के दलित समुदाय से आते हैं। जदयू से बाहर आने के बाद हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का गठन किया और एनडीए का हिस्सा हैं।
  • अनुप्रिया पटेल, अध्यक्ष, अपना दल : अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल कुर्मी बिरादरी से आती हैं। पूर्वांचल की कुर्मी बिरादरी में उनकी पार्टी ठीकठाक प्रभाव रखती है।
  • ओमप्रकाश राजभर, सुभासपा प्रमुख : सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का पूर्वांचल की सीटों पर असर दिखता है। यहां की हर विधानसभा सीट पर राजभर समाज के 20-25 हजार मतदाता हैं।
  • जयंत चौधरी, अध्यक्ष, लोकदल : जाट समुदाय से आने वाले जयंत चौधरी के बाबा चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री रहे। पिता अजीत सिंह केंद्रीय मंत्री रहे। जयंत चौधरी भी सांसद रहे हैं और इसी चुनाव में एनडीए में शामिल हुए हैं।
  • डॉ. संजय निषाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद पार्टी : एक दशक पहले पार्टी का गठन किया। निषाद समाज में उनका अच्छा प्रभाव माना जाता है।
  • उपेंद्र कुशवाहा, रालोमो, प्रमुख : बिहार के नेता राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा बिहार के ओबीसी के बड़े नेताओं में आते हैं। यूपी की राजनीति में भी ओबीसी बड़ा राजनीतिक फैक्टर है।
  • पशुपति कुमार पारस, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी : दलित नेता पशुपति बिहार के प्रमुख नेताओं में एक, केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री रहे।
  • भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा : जाट नेता हैं और पश्चिमी यूपी में उनकी अच्छी पकड़ है।
  • प्रमोद बोरो : असम के प्रमुख नेताओं में शुमार प्रमोद बोरो यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के अध्यक्ष हैं। एनडीए के प्रमुख घटक दल में हैं।
  • तुषार वेलपल्ली : भारत धर्म जन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। केरल के प्रभावशाली नेताओं में आते हैं।
  • अंबुमणि रामदास : तमिलनाडु के अंबुमणि रामदास वह पट्टाली मक्कल काची राजनीतिक दल के अध्यक्ष हैं।
  • जीके वासन : तमिलनाडु के जीके वासन तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के अध्यक्ष हैं। एनडीए के प्रमुख घटक दलों में।

तीन मुख्यमंत्री

  • योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उप्र : गोरखपुर से पांच बार सांसद चुने गए। भाजपा के प्रमुख स्टार प्रचारक है। फायर ब्रांड नेता की छवि।
  • एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र : महाराष्ट्र की कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले एकनाथ शिंदे इस समय बाला साहब बाल ठाकरे की शिवसेना के प्रमुख हैं।
  • कॉनराड संगमा : मेघालय के मुख्यमंत्री हैं। 2008 में वे मेघालय के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री भी बने थे।

 
अन्य प्रमुख नेता

  • देवनाथन यादव : तमिलनाडु में भाजपा के प्रमुख नेताओं में शामिल, लोकसभा चुनाव भी लड़ रहे।
  • प्रफुल्ल पटेल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता हैं। महाराष्ट्र के प्रमुख ओबीसी नेता हैं।
  • अतुल बोरा : असम सरकार में कृषि मंत्री हैं।