bhupalbhopal- bश्री 1008 भगवान महावीर दिगम्बर जैन मंदिर साकेत नगर में क्षमावाणी महोत्सव एवं पुरुस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रुप में स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री माननीय विश्वास सारंग जी, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर जी एवं महापौर मालती राय जी उपस्थिति में सामूहिक क्षमावाणी महोत्सव एवं पुरुस्कार वितरण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया जिसमें समाज जनों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, मंगलाचरण एवं आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के चित्र अनावरण से हुआ। डॉ प्रज्ञा जैन द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गयी। हेमलता जैन 'रचना' ने बताया कि क्षमावाणी के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में पधारी विधायक श्रीमती कृष्णा गौर जी क्षमावाणी के पर्व की महत्ता पर बोलते हुए साकेत नगर जैन मंदिर जी के शिलान्यास के वक़्त की मधुर स्मृतियों को ताज़ा करते हुए भावुक हो उठीं। माननीय विश्वास सारंग जी ने समाज के वरिष्ठ सदस्य एवं स्वतंत्रता संग्राम सैनानी नन्दन कुमार जैन तथा आयु का शतक पूर्ण करने पर भी रोजाना मंदिर जी के दर्शन करने वाली श्रीमती कंचन जैन का सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। पंडित अरविंद जी शास्त्री ने अपने उद्बोधन में क्षमावाणी का मर्म बहुत ही सुंदर व सहज वाणी में सभी के बीच प्रस्तुत करते हुए कहा कि "जहाँ क्षमावाणी का पर्व मन की कलुषता धोने का पर्व है वहीं इसे मैत्री दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। क्षमा मांगने से व्यक्ति छोटा नहीं होता बल्कि और बड़ा हो जाता है। झुकता वही है जिसमें जान होती है अर्थात जिसमें रिश्तों को निभाने की चाह और सामर्थ्य होती है वही झुकता है। क्षमायाचना सरल ह्रदय की निशानी है। आत्मा का स्वभाव ही क्षमा है, क्रोध आत्मा का शत्रु है, अतः हमें पेड़-पौधों से लेकर पशु-पक्षी तक समस्त प्राणी मात्र पर दया का भाव रखना चाहिए। हमें क्षमा को आत्मा में धारण करना है, जिससे हमारे चारों तरफ सुख सुख शांति का वातावरण बना रहे। दूसरों के साथ-साथ स्वयं से भी क्षमा मांगनी चाहिए।" उक्त उद्बोधन के बाद साकेत नगर जैन समाज के अध्यक्ष नरेंद्र टोंग्या ने हमेशा की तरह अपने सकारात्मक व ऊर्जावान सम्बोधन से सभी को हर्ष से ओतप्रोत कर दिया। क्षमापना के इस मंगल अवसर पर अध्यक्ष नरेंद्र टोंग्या, कोषाध्यक्ष महेंद्र जैन, सचिव ताराचंद जैन एवं कमेटी के सदस्यों द्वारा अतिथियों का स्वागत-सत्कार तथा समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं दस दिनों तक आयोजित साँस्कृतिक कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रस्तुतियां देने वाले विजेताओं को पुरूस्कार वितरण कर उनका उत्साहवर्धन किया वहीं समाज में  विशिष्ट सामाजिक योगदान हेतु सदस्यों को भी प्रशंसा-पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया। इस शुभ अवसर पर वॉर्ड 54 के पार्षद एवं एम्आईसी सदस्य जितेंद्र शुक्ला, पार्षद प्रताप वारे, पार्षद शीला राम बाबू पाटीदार, पार्षद सुरेंद्र वाड़िका, पूर्व पार्षद रश्मि द्विवेदी, पूर्व पार्षद राम बाबू पाटीदार, सुनील द्विवेदी, शक्ति/साकेत नगर के समाजजनों सहित मंदिर कमेटी के पदाधिकारी, नारायण नगर, पिपलानी, बागसेवनिया आदि जैन मंदिर के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अन्य विशिष्ट जन मौजूद थे। पर्युषण पर्व के दौरान अपनी ओजमयी वाणी तथा ज्ञानपूर्ण प्रवचनों से सबका मन मोहित कर देने में सिद्धहस्त पण्डित अरविंद जी शास्त्री को ससम्मान भावभीनी विदाई दी गयी वहीं समाजजनों ने परस्पर एक-दूसरे से क्षमायाचना कर, गिले-शिकवे दूर कर क्षमावाणी को सार्थकता प्रदान की एवं सामूहिक भोज का आनंद लिया। अध्यक्षीय भाषण नरेन्द्र टोंग्या तथा आभार प्रदर्शन पी. सी. जैन ने किया। मंच संचालन डॉ पारुल जैन ने किया। संगीत डॉ महेन्द्र जैन ने दिया।

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