छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरों को रोजाना मजदूरी के लिए अब 204 रुपये मिलेंगे। बढ़ी हुई राशि के साथ नई दर 1 अप्रैल से प्रदेश में लागू हो जाएगा। इससे राज्य के लाखों मजदूरों को लाभ होगा। मजदूरी के लिए पहले 193 रुपये मिलते थे, इसमें 11 रुपये की बढ़ोतरी की गई है और अब ये राशि 204 रुपये कर दी गई है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत श्रमिकों को 1 अप्रैल से हर दिन 204 रुपये की मजदूरी मिलेगी। इसके लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्यवार प्रतिदिन मजदूरी की दर का राजपत्र में प्रकाशन कर दिया है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए 204 रुपये हर दिन की मजदूरी तय की गई है।

छत्तीसगढ़ में 26 लाख से अधिक परिवार मनरेगा से जुड़े हैं। इन्हें वित्तीय वर्ष में 100 दिनों की रोजगार की गारंटी मिलती है। इससे ग्रामीण इलाकों का विकास कार्य किया जाता है, जिसमें तालाब गहरीकरण, सड़कें, नहरों और बांधो के निर्माण के साथ-साथ मरम्मत के काम होते हैं। मनरेगा में परिवार के वयस्क सदस्य को हर दिन के काम के लिए जॉब कार्ड बनाई जाती है। इसके अनुसार मजदूरों को भुगतान किया जाता है। पहले एक मजदूर को 100 दिन के काम लिए 19 हजार 300 रुपये मिलते थे, लेकिन अब यह राशि 1100 रुपये बढ़कर 20 हजार 400 रुपए हो जाएंगे।