टोक्यो । जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या को लेकर शूटर अपराधी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने कहा कि वह आबे से 'असंतुष्ट' था और इसीलिए उनकी हत्या करना चाहता था। पुलिस के मुताबिक हत्यारे ने कहा कि उसे लगता था कि शिंजो आबे उस संगठन से जुड़े हुए हैं जिससे वह नफरत करता था। पश्चिमी जापान के नारा शहर, जहां आबे की हत्या हुई, के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को हत्यारे की पहचान 41 वर्षीय बेरोजगार तेत्सुया यामागामी के रूप में की जिसने अपने घर में बनाई बंदूक से उन पर गोली चलाई थी। खबर के अनुसार पुलिस ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हत्यारे ने जिस संगठन का जिक्र किया वह वास्तव में है या नहीं। फिलहाल मामले की जांच चल रही है लेकिन जापान के कई मीडिया आउटलेट्स ने संगठन को 'धार्मिक समूह' बताया है। अधिकारियों ने शाम 5 बजे के बाद यामागामी के घर की तलाशी ली और बड़े पैमाने पर बंदूक निर्माण से जुड़ी सामग्री को जब्त किया। यामागामी के अन्य दावों की भी जांच चल रही है जिसमें उसमें तीन साल तक नेवी में काम करने की बात स्वीकार की थी।
एक ट्वीट के मुताबिक जापान के एक अखबार ने एक इंटरव्यू प्रकाशित किया है जिसमें शिंजो आबे के हत्यारे ने कहा कि शुरुआत में उसके निशाने पर आबे के बजाय धार्मिक नेता थे। उसके रिश्तेदारों ने बताया कि उसका परिवार धार्मिक समूह की वजह से खत्म हो गया था। खबरों के मुताबिक वह मानता था कि आबे एक विशेष संगठन से जुड़े हुए हैं जिससे वह नफरत करता था और यही उसके अपराध करने की वजह बनी। जानकारी के मुताबिक वह इस बात से नाराज था कि इस समूह ने उसकी मां को अपने साथ जोड़ लिया था। उसकी मां ने समूह को बड़ी मात्रा पैसे दान दिए जिससे उसके घर में अशांति पैदा हुई। वह आबे के इस समूह के साथ कथित जुड़ाव से 'निराश' था। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स अनुमान लगा रहे हैं कि संगठन का नाम, जापान के ट्विटर पर ट्रेंडिंग शब्दों में से एक, 'यूनिफिकेशन चर्च' है। इस धार्मिक संगठन की स्थापना कोरिया में हुई थी और उसकी नारा शाखा उस स्टेशन पर थी जहां आबे को गोली मारी गई। यूनिफिकेशन चर्च के जापान सहित कई देशों में भी सदस्य हैं।