मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर चीन को घेरने की बड़ी तैयारी

पेइचिंग। उइगर मुसलमानों के कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर चीन को घेरने की बड़ी तैयारी हो रही है। पेइचिंग में पश्चिमी देशों के 15 राजदूतों का एक समूह चीन के अशांत शिनजियांग क्षेत्र में टॉप अधिकारियों के साथ बैठक करने की योजना बना रहा है। गौरतलब है कि चीन का शिनजियांग इलाका मुस्लिम बहुल है और यहां मुसलमानों के खिलाफ दमन की अक्सर खबरें आती रहती हैं। अब पश्चिमी देशों के राजनयिकों ने चीन से इस पर जवाब मांगने की तैयारी की है। इनमें कनाडा की अहम भूमिका है। एक समाचार एजेंसी को एक पत्र का ड्राफ्ट मिला है, जिसके अनुसार ये सभी राजदूत पत्र लिखकर शिनजियांग के कम्युनिस्ट पार्टी के बॉस चेन क्वांगुओ से यह आग्रह करनेवाले हैं। चीन में मानवाधिकार के मसले पर इस तरह से कई देशों का सम्मिलित प्रयास काफी मायने रखता है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि पश्चिमी क्षेत्र में अपनी दमनकारी नीतियों के कारण चीन पर किस तरह का दबाव बढ़ रहा है।
आपको मालम हो कि मुस्लिम विरोधी नीतियों को लेकर कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, विदेशी सरकारों ही नहीं संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भी पेइचिंग की आलोचना की है। दरअसल, चीन में बड़ी संख्या में उइगर मुसलमानों और दूसरे मुस्लिम समूहों को डिटेंशन कैंपों में रखा जाता है और उनकी कड़ी निगरानी की जाती है। यहां के मुसलमान शिनजियांग को अपना घर बताते हैं। अगस्त में संयुक्त राष्ट्र के एक मानवाधिकार पैनल ने कहा था कि उसे कई विश्वसनीय रिपोर्टें मिली हैं कि 10 लाख या उससे भी ज्यादा उइगरों को चीन में हिरासत में रखा गया है। हालांकि चीन मनमाने तरीके से हिरासत में रखने के आरोपों से इनकार करता रहा है। वह ऐसे केंद्रों को एजुकेशन सेंटर बताता है। पेइचिंग का यह भी कहना है कि छोटे-मोटे अपराधों में दोषी ठहराए गए लोगों को वह व्यावसायिक केंद्रों में भेजता है जिससे उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें।