ननि ने एक दिन में बचाया 1700 लीटर डीजल

डीजल चोरी रोकने के लिए ननि ने शुरू की सख्ती
भोपाल । नगर निगम ने एक दिन में 1700 लीटर डीजल बचा लिया। डीजल चोरी रोकने के लिए अब निगम प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। गत सोमवार को सख्ती करते हुए 1700 से अधिक लीटर डीजल बचाया गया है। इसकी कीमत एक लाख रुपए से अधिक है। निगम आयुक्त अविनाश लवानिया के आदेश के बाद वाहनों को रोजाना दिए जाने वाले डीजल में कटौती शुरू की गई है। मंगलवार को भी कटौती की गई। डीजल कितना बचा इसकी रिपोर्ट आना बाकी है। कटौती आगे भी जारी रहेगी। बताया जा रहा है कि डीजल की कटौती किए जाने का असर यह हुआ है कि कुछ एचओ और एएचओ ने निगम आयुक्त से शिकायत भी की है, कि इससे स्वच्छ भारत मिशन का काम प्रभावित होगा, लेकिन आयुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि उपयोगिता के आधार पर ही डीजल दिया जाएगा। सूत्रों की माने तो निगम के 950 वाहनों में से 650 वाहनों में ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाए गए हैं। इसकी रिपोर्ट में यह सामने आ रहा है कि कम दूरी चलने के बाद भी वाहनों में ज्यादा डीजल लिया जा रहा है। जीपीएस लगने के बाद भी लॉग बुक मेंटेन नहीं की जा रही थी। यही नहीं वाहनों में डीजल की खपत लगातार बढ़ती जा रही थी। जिसकी रिपोर्ट निगम आयुक्त को भेजी गई। जिसके बाद निगम आयुक्त ने आदेश जारी किए।
मालूम हो कि एक साल पहले तत्कालीन आयुक्त छवि भारद्वाज के कार्यकाल में डीजल घोटाला सामने आया था। जिसके बाद यह व्यवस्था की गई थी कि अधिकृत अधिकारी ही इंडेंट (मांग पत्र) जारी करेंगे। डीजल लेते समय इंडेंट बुक में वाहन की रीडिंग लिखना भी अनिवार्य होगा। टैंक से डीजल लेने के लिए लॉग बुक भी लाना होगा। अधिकारी और ड्राइवर को दोनों ही बुक मेंटेन करना होगा। इंडेंट बुक में डीजल की मांग अंकों और शब्दों में लिखना होगा। यह भी लिखना होगा कि कितने दिन के लिए डीजल लिया जा रहा है। सफाई व्यवस्था और कचरा परिवहन में लगे वाहनों की इंडेंट में सुबह या शाम का जिक्र करना होगा। दूसरी शिफ्ट के लिए वाहन में डीजल भराने के पहले यह साफ करना होगा कि किस काम के लिए इसका उपयोग किया जाएगा। बता दें कि तत्कालीन आयुक्त प्रियंका दास के कार्यकाल में जीपीएस की रिपोर्ट में ज्यादा खपत करने वाले वाहनों से जुड़े 35 अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया था। खर्च हुए डीजल की उपयोगिता बताने को कहा गया था। लेकिन आज तक किसी ने जवाब नहीं किया। दास के ट्रांसफर के बाद ज्यादातर वाहनों में जीपीएस खराब कर दिए गए। इसके बाद फिर से चोरी शुरू हो गई। इस बारे में नगर निगम के डीजल टैंक प्रभारी प्रेमशंकर शुक्ला का कहना है कि निगम के किसी भी वाहन को डीजल की कोई कमी नहीं होगी। उपयोगिता के आधार पर पर्याप्त डीजल दिया जाएगा।