इंदौर बिल्डिंग हादसा : होटल मालिक ने दुकानदारों पर मढ़ा 10 मौतों का दोष

इंदौर । सरवटे बस स्टैंड के पास जमींदोज हुई एमएस होटल का मालिक शंकर परवानी खुद को बचाने के लिए पुलिस को तरह-तरह के बयान दे रहा है। उसने कहा मैंने ऊपर जो निर्माण कराया उसकी मेरे पास अनुमति है। मैंने पूरी बिल्डिंग नहीं खरीदी। मेरी होटल तो ऊपर थी। तल मंजिल के रखरखाव की जिम्मेदारी दुकानदारों की थी। उन्होंने मरम्मत नहीं कराई। उनकी जर्जर दुकानों के कारण मेरी होटल गिर गई। इसके लिए व्यापारी दोषी हैं।
परवानी ने यह भी कहा कि मैंने तो मैनेजर (हादसे में मृतक हरीश सोनी) को होटल किराए पर दे रखी थी। दस हजार का इनामी होटल मालिक परवानी सोमवार को थाने में पेश हुआ था। पुलिस ने बताया कि परवानी को उसके घर के पास से गिरफ्तार किया। सोमवार रात पुलिस हादसे को लेकर उससे पूछताछ करती रही। उसने खुद को बेकसूर बताया। उसने कहा मैं दोषी नहीं हूं।
मुझ पर कार्रवाई कर दी। जबकि असल जिम्मेदार होटल के नीचे दुकान चलाने वाले व्यापारी हैं। उनकी दुकानें जर्जर हो रही थीं। दीवारें हिल रही थीं। जांच में पता चला कि होटल के नीचे चार दुकानें थीं। जिस पर बिल्डिंग खड़ी थी। दुकानदार भी हादसे के जिम्मेदार हैं या नहीं, पुलिस इसकी जांच कर रही है। उधर मंगलवार को परवानी को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
होटल पर लिया था 47 लाख का लोन : टीआई संजू कामले ने बताया कि परवानी ने 2012 में होटल खरीदी थी। उस पर लाखों का कर्ज था। 30 लाख रुपए साले से लिए थे। कर्ज चुकाने के लिए उसने होटल पर बैंक से 47 लाख रुपए का लोन भी लिया था। जिन पर होटल टिकी हुई थी उन चार दुकान मालिकों का भी पता लगाया जा रहा है।
गुंडे की मदद से थाने में पेश हुआ था होटल संचालक
हादसे के बाद होटल मालिक परवानी पुलिस के सामने पेश होने के लिए गुंडों से तालमेल करता रहा। रावजी बाजार के एक गुंडे ने पेश होने की प्लानिंग बनाई और उसे थाने में पेश करवा दिया। परवानी से जब पुलिस ने पूछा कि होटल में अनैतिक गतिविधियां होती थीं। इस पर उसने कहा कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मैंने तो होटल मैनेजर हरीश सोनी को किराए पर दे रखी थी। हादसे में 10 लोगों की मौत को लेकर परवानी के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी।
सोनी के बच्चे बोले- होटल में चलता था सट्टा
हरीश सोनी की बेटी किरण व बेटे लक्की उर्फ ललित ने 'नईदुनिया' को बताया कि परवानी रसूखदार है। डर है कि हमारे मुंह खोलने पर कहीं वह हम पर हमला न करवा दे। इसीलिए उसकी पोल खोलने के लिए हमें सुरक्षा दी जाए। उन्होंने बताया कि परवानी सटोरिए महेश के साथ मिलकर होटल चलाता था। हमारे पिता वहां सिर्फ कर्मचारी थे। उन्होंने होटल किराए पर नहीं ली थी। परवानी गलत धंधे करता था। वह ब्याज पर पैसा देता था। उसे पता था 80 साल पुरानी बिल्डिंग जर्जर है।
जांच के घेरे में नगर निगम अधिकारी
निगम अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं। पुलिस ने निगम को एक नोटिस जारी किया है। इसमें निगम से सवाल किए गए हैं कि शंकर की संपत्ति कितनी है, उसका रिकॉर्ड दे। होटल की जांच कब-कब हुई, कब-कब होटल के लिए नोटिस जारी किए गए। कभी कोई अधिकारी द्वारा जांच की गई। सीएसपी बीपीएस परिहार का कहना है निगम को सिर्फ शंकर की संपत्तियों की जानकारी के लिए नोटिस दिया है। उसके संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं, निगम अधिकारियों के बारे में जवाब नहीं मांगा।