चंद्रग्रहण काल में ऐसे दो योग का संयोग, रोगों से मिलेगी मुक्ति

साल 2018 का पहला ग्रहण 31 जनवरी को पड़ रहा है। यह ग्रहण इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि ग्रहण काल में शनि प्रधान पुष्य नक्षत्र और आयुष्मान योग का संयोग है। ग्रहण खत्म होने के दौरान नक्षत्र में भी परिवर्तन हो जाएगा जिसके चलते यह कई राशियों को प्रभावित करेगा। ग्रहण काल में किए गए मंत्र, जाप से रोग और शोक से मुक्ति मिलेगी।
खग्रास चंद्रग्रहण कई राशियों को प्रभावित करेगा
ज्योतिषी डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार 31 जनवरी को पड़ रहा चंद्रग्रहण खग्रास अवस्था का है जो भारत समेत पूर्वी देशों, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड समेत अनेक देशों में दिखाई देगा। चूंकि यह खग्रास ग्रहण है इसलिए इसका प्रभाव मेदिनी अर्थात खगोलीय घटनाक्रम और राशियों पर निश्चित रूप से पड़ेगा।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ग्रहण 5.18 बजे प्रारंभ हो रहा है, उस समय शनि प्रधान पुष्य नक्षत्र है। ग्रहण के मध्य अवस्था में पहुंचते तक बुध प्रधान आश्लेषा नक्षत्र पड़ रहा है अर्थात यह ग्रहण कर्क राशि के जातकों को विशेष रूप से प्रभावित करेगा।
ग्रहण का समय
ग्रहण का प्रारंभ - 5.18 बजे
खग्रास प्रारंभ - 6.22 बजे
मध्य काल - 7 बजे
खग्रास समाप्त - 7.38 बजे
ग्रहण का मोक्ष - 8.41 बजे
आयुष्मान योग में ग्रहण 3 घंटे 23 मिनट तक
चंदग्रहण 3 घंटे 23 मिनट का होगा। चूंकि इस दिन आयुष्मान योग है अतः ग्रहण काल में किए गए मंत्र, जाप और ध्यान से रोग और शोक से मनुष्य को मुक्ति मिलेगी।
सूतक काल
ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले अर्थात सुबह 8.18 बजे सूतक काल शुरू हो जाएगा। मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे जो ग्रहण काल खत्म होने के बाद खुलेंगे।
ग्रहण के दौरान ये उपाय करें
- खाद्य सामग्री में कुश या तुलसी की पत्तियां डालें।
- पके हुए अन्न का त्याग करें।
- ग्रहण काल में गुरु मंत्र जप, इष्ट मंत्र जप, भगवान नाम का जप व साधना करें।
इन राशियों पर प्रभाव
राशि प्रभाव
मेष व्यवसाय में लाभ
वृषभ कर्ज मुक्ति
मिथुन व्यय की अधिकता
कर्क कष्ट लेकिन धन लाभ
सिंह व्यय में बढ़ोतरी
कन्या पारिवारिक समस्या
तुला मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि
वृश्चिक संतान कष्ट
धनु रोग
मकर पार्टनरशिप में धोखा
कुंभ शोक
मीन भाग्य वृद्धि