एमपी के तीन बड़े शहरों में निजी स्कूल बंद, सरकार की सख्ती का विरोध
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बस हादसे में डीपीएस स्कूल के बच्चों के बाद प्रशासन की सख्ती के विरोध में आज निजी स्कूलों ने बंद का ऐलान किया है. राजधानी भोपाल को छोड़कर इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में अधिकांश निजी स्कूलों ने बंद का समर्थन किया है.
दरअसल, इंदौर में डीपीएस स्कूल बस हादसे में चार स्टूडेंट की मौत के बाद परिवहन विभाग और यातायात पुलिस निजी स्कूल बसों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है. इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाली स्कूल बसों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
प्रशासन की सख्ती के विरोध में ही एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड सीबीएसई स्कूल्स और प्राइवेट स्कूल एसोशिएशन ने मंगलवार को बंद का आह्वान किया है. इसके समर्थन में इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में निजी स्कूल पूरी तरह से बंद रहे.
हालांकि, राजधानी भोपाल में केवल दिल्ली पब्लिक स्कूल ने बंद को समर्थन किया है. यहां बाकी सभी सीबीएसई और निजी स्कूल खुले हुए हैं.
मध्य प्रदेश के इंदौर में 5 जनवरी को दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस और एक ट्रक की टक्कर हो गई थी. इस हादसे में 4 छात्रों और बस ड्राइवर की मौत हो गई थी.
पुराने स्कूल वाहनों को परमिट देने वाले नपेंगे
मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल बस हादसे के बाद परिवहन विभाग सक्रिय हो गया है. विभाग के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि 15 साल से पुराने स्कूल वाहनों को परमिट देने पर संबंधित आरटीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने 9 जनवरी को राजधानी भोपाल में परिवहन एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए कि आरटीओ सप्ताह में चार दिन फील्ड में विजिट कर वाहनों की चेकिंग करें. 30 जनवरी तक विशेष चेकिंग अभियान चलाएं.
परिवहन मंत्री सिंह ने आगे कहा कि चेकिंग अभियान के लिए पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध करवाया जाएगा. स्पीड गवर्नर और जीपीएस गुणवत्तापूर्ण होने चाहिए. वाहन में बैठने वाले बच्चों की संख्या निर्धारित हो. स्कूल वाहनों की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए, वाहन चालकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिलवाया जाए.