AIADMK में सियासी उठापटक जारी, पार्टी से निकाले गए शशिकला-दिनाकरन

पार्टी के आम कार्यकर्ताओं, जिला सचिवों, विधायकों और मंत्रियों की यही इच्छा है। उन्होंने कहा, ‘सीधे शब्दों में कहें तो लोगों और पार्टी के कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि दिनाकरन और उसके परिवार को किनारे कर दिया जाए। पार्टी और सरकार को उनके बिना चलाने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री पलानिस्वामी भी इस फैसले के साथ में हैं।’
तमिलनाडु में अनिश्चितता का नया दौर
पनीरसेल्वम को महज 12 विधायकों का ही समर्थन हासिल है। लेकिन पार्टी के समर्थकों में शशिकला को लेकर नाराजगी है। वे आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता की दोष सिद्धि के लिए शशिकला को ही जिम्मेदार मानते हैं।
तमिलनाडु में अनिश्चितता का नया दौर
जयकुमार की इस घोषणा के बाद तमिलनाडु की राजनीति में अनिश्चितता का एक और दौर शुरू होने की संभावना है, क्योंकि दिनाकरन का साथ दे रहे कुछ विधायकों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। ताजा घटनाक्रम के बाद सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक में तीन धड़े बन गए हैं। पलानिस्वामी, पनीरसेल्वम और दिनाकरन धड़ा। गौरतलब है कि शशिकला इस समय अघोषित संपत्ति के मामले में जेल की सजा काट रही हैं।
दिनाकरन धड़े ने किया फैसले का विरोध
दिनाकरन धड़ा इस फैसले का खुलकर विरोध कर रहा है। सत्तूर से विधायक एसजी सुब्रह्मण्यन ने कहा कि पार्टी की रोजमर्रा के मामलों को देखने के लिए जल्द ही एक कमेटी गठित की जाएगी। दिनाकरन ही पार्टी के नेता और उपमहासचिव हैं। विधायक उनके निर्देशों का पालन करने को बाध्य हैं।
सभी धड़ों को एक होना चाहिए: थंबीदुरै
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता एम थंबीदुरै ने ओ पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले पार्टी के विद्रोही गुट के साथ संधि की वकालत की है। मंगलवार को उन्होंने कहा, यह पार्टी के हित में है कि सभी धड़े एक साथ मिल जाएं और दिवंगत जयललिता की विरासत को आगे ले जाएं। हालांकि उन्होंने इस विलय के लिए मौजूदा मुख्यमंत्री को पद से हटाने की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया।