22 मार्च को रंगपंचमी का पर्व मनाए जाएगा। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन, कृष्ण प्रतिपदा के दिन धुलेंडी और कृष्‍ण पंचमी के दिन रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि क्यों मनाते हैं रंगपंचमी, क्या है इस दिन के शुभ मुहूर्त और खास उपाय।
क्यों मनाते हैं रंगपंचमी :

1. कहते हैं कि इस दिन श्री कृष्ण ने राधा पर रंग डाला था। इसी की याद में रंग पंचमी मनाई जाती है।

2. यह भी कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रासलीला रचाई थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था।

3. कहते हैं कि जिस दिन राक्षसी पूतना का वध हुआ था उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा थी। अत: बुराई का अंत हुआ और इस खुशी में समूचे नंदगांववासियो ने खूब जमकर रंग खेला, नृत्य किया और जमकर उत्सव मनाया। तभी से होली में रंग और भंग का समावेश होने लगा।
4. पौराणिक मान्यता के अनुसार रंगों का यह उत्सव चैत्र मास की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर पंचमी तक चलता है। इसलिए इसे रंग पंचमी कहा जाता है।
रंगपंचमी के मुहूर्त 

- 22 मार्च 2022 दिन मंगलवार को रंग पंचमी है।

- पंचमी तिथि सुबह 6.50 मिनट से प्रारंभ होकर 23 मार्च 2022 तड़के 4.20 मिनट पर समाप्त होगी।

- अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:41 से दोपहर 12:29 तक।

- विजय मुहूर्त : दोहनर 02:07 से 02:55 तक।

- गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:58 से 06:22 तक।

- निशिता मुहूर्त : राशि 11:41 से 12:28 तक।

रंगपंचमी के दिन करें ये उपाय :

1. जल में गंगाजल और एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। स्नान करने के बाद गाय के घी का दीपक जलाकर लाल गुलाब के फूल लक्ष्मी नारायण जी को चढ़ाएं। फिर आसन पर बैठकर ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का तीन माला जाप करें। इसके बाद उन्हें गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं। पूजा के बाद जल को घर में सभी ओर छिड़क दें।

2. रंगपंचमी के दिन कमल के फूल पर बैठे लक्ष्मी नारायण की तस्वीर स्थापित करने के बाद उन्हें गुलाब के पुष्प या माला जरूर अर्पित करें और उनके पास जलभरा लोटा स्थापित करें।
3. लक्ष्मी नारायण की पूजा के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। अर्घ्य के जल में रोली, अक्षत के अलावा शहद जरूर मिला लें।

4. इस दिन माता लक्ष्मी को रुई की दो बाती वाले घी का दीपक लगाएं और गुलाब की अगरबत्ती जलाएं। सफेद मिठाई और सेब चढ़ाएं।