अक्सर आपने देखा होगा कि बेवजह के खर्चों के कारण आर्थिक बजट हिलने लगता है।घर पर कोई चीज खराब हो जाती है या घर का कोई सदस्य बीमार पड़ने लगता है।परिणामस्वरूप आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगती है।लेकिन क्या आप जानते हैं इन सबके पीछे का कारण वास्तु दोष भी हो सकता है। 

नल से टपकता पानी- अगर घर में किसी नल को बंद करने के बाद भी पानी टपकता रहता है तो उसे वास्तु दोष माना गया है।कहते हैं कि जिस तरह से पानी टपक-टपक कर बर्बाद होता है उसी तरह से घर से धन का भी अपव्यय होता है।इसलिए जितनी जल्दी हो सके नल को ठीक करा लेना चाहिए।

तुलसी का पौधा सूखा तो नहीं- हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है।लेकिन तुलसी का पौधा खिला होना और हरा भरा होना जरूरी है।अगर तुलसी सूख गई है तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए।कहते हैं कि घर में सूखा तुलसी का पौधा आर्थिक तंगी को बुलावा देता है।

टूटा शीशा- टूटे हुए शीशे को अशुभ माना जाता है।यह नकारात्मकता का संकेत देने के साथ ही आर्थिक संकट को बुलावा देता है।

धन संचय का स्थान- वास्तु शास्त्र के अनुसार, धन संचय करने की जगह हमेशा उत्तर दिशा की ओर खुलनी चाहिए।जैसे अलमारी या तिजोरी का दरवाजा उत्तर दिशा में खुलने से आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।

पानी की निकासी की दिशा- घर का जितना भी जल घर से बाहर निकलता है उसके लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि जल केवल पूर्व या उत्तर दिशा से ही निकले। कहते है कि ऐसा करने से धन का आगमन होता है।