भोपाल ।  मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। आप तीनों सरकार के वरिष्ठ मंत्री हैं। ऐसा कोई भी संदेश नहीं जाना चाहिए, जिससे कार्यकर्ताओं के बीच गलत धारणा बने। सामंजस्य बनाकर काम करें। यह समझाइश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  ने सोमवार को सागर जिले से आने वाले तीनों मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह  और गोविंद सिंह राजपूत को साथ बैठाकर दी। पिछले दिनों सागर जिला भाजपा और प्रशासन में वर्चस्व की लड़ाई सामने आई थी। मंत्री गोपाल भार्गव, गोविंद सिंह राजपूत, विधायक शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया और जिला भाजपा अध्यक्ष गौरव सिरोठिया ने मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद से मिलकर आरोप लगाया था कि जिले में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। प्रशासन नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के इशारे पर काम करता है। इससे गलत संदेश जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री तब सबको साथ बैठाने की बात कही थी। रविवार देर रात मंत्रियों को मुख्यमंत्री कार्यालय से संदेश दिया गया कि सुबह नौ बजे मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान के साथ चर्चा करें। तब तक लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव गृह क्षेत्र गढ़ाकोटा के लिए रवाना हो गए थे।

संदेश पाकर वे रात को ही भोपाल लौटे और सुबह मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय में करीब डेढ़ घंटे बैठक चली। इसमें जिले के संगठन और प्रशासन से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई और मुख्यमंत्री ने सभी को समझाइश दी कि सामंजस्य के साथ मिलकर काम करें। कोई नकारात्मक बात नहीं होनी चाहिए। सार्वजनिक बयानबाजी भी न हो। उन्‍होंने कहा कि जो छोटे-माेटे विषय हैं भी तो उन्हें आपस में मिल-बैठकर सुलझा लें। मुख्यमंत्री की समझाइश का असर यह हुआ कि बैठक के बाद किसी ने कोई बयान नहीं दिया और क्षेत्र के लिए रवाना हो गए। उल्लेखनीय है कि पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को ऐसे सभी नेताओं से संवाद करने का जिम्मा दिया है, जो असंतुष्ट बताए जा रहे हैं।