अडानी समूह पिछले कुछ महीने से काफी रफ्तार के साथ कर्जों को चुका रहा है. इस कड़ी में अडानी समूह ने अब अपनी एक और कंपनी के कर्ज को हल्का किया है और इसके लिए उसने इस बार 200 मिलियन डॉलर का पेमेंट किया है. यह अडानी समूह के द्वारा अपनी कंपनियों के ऊपर कर्ज को कम करने की कोशिशों की कड़ी का ताजा हिस्सा है.

इस डील के लिए लिया था लोन

अडानी समूह की अडानी सीमेंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले साल कई बैंकों से कर्ज लिया था. इस कंपनी ने स्विट्जरलैंड की कंपनी होल्सिम के भारतीय कारोबार को खरीदने के लिए पिछले साल मई में कई ग्लोबल बैंकों से लोन लिया था. अडानी सीमेंट ने होल्सिम के भारतीय कारोबार को 10.5 बिलियन डॉलर में खरीदा था. इसी डील के लिए अडानी सीमेंट ने जो कर्ज लिया था, उसी में से एक हिस्से का अब समय से पहले भुगतान किया गया है.

ऐसे मिल सकती है मदद

अडानी सीमेंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले सप्ताह 200 मिलियन डॉलर का भुगतान किया है, जिससे उसे होल्सिम के भारतीय कारोबार के अधिग्रहण के दौरान लिए गए लोन में कुल 1 बिलियन डॉलर की कमी लाने में मदद मिली है. खबर में कहा गया है कि समय से पहले किए गए इस भुगतान से अडानी समूह को डील के समय लिए गए लोन पर 3 साल का एक्सटेंशन मिल सकता है.

बैंकों से मिला था इतना कर्ज

बैंकों ने होल्सिम सीमेंट के भारतीय कारोबार को खरीदने वाली डील के वित्तपोषण के लिए अडानी समूह को 4.5 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया था. बाकी 6 बिलियन डॉलर रकम की व्यवस्था अडानी समूह ने आंतरिक खातों समेत अन्य स्रोतों से की थी. बैंकों से जुटाए गए 4.5 बिलियन डॉलर का कर्ज सितंबर 2024 में परिपक्व होने वाला था. अब अडानी समूह को यह उधारी पूरी तरह से चुकाने के लिए अतिरिक्त समय मिल सकता है.

अडानी के लिए अहम थी डील

आपको बता दें कि अडानी समूह ने होल्सिम सीमेंट के भारतीय कारोबार को रणनीतिक लिहाज से खरीदा था. इस सौदे ने अडानी समूह को एक झटके में भारत का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट मैन्यूफैक्चरर बना दिया और अडानी समूह को अंबुजा सीमेंट व एसीसी सीमेंट जैसे दो बने-बनाए पुराने ब्रांड मिल गए. खुद गौतम अडानी ने उस समय डील के महत्व को बताते हुए कहा था कि यह ऐतिहासिक है.

किए जा चुके हैं ये भुगतान

अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद कारोबार की रणनीति में बदलाव किया है. अब कंपनी नया कारोबार शुरू करने के बजाय कर्जों के पुनर्भुगतान पर फोकस कर रही है. अडानी समूह ने इससे पहले मार्च तिमाही के दौरान कम से कम 3 बिलियन डॉलर का बॉन्ड चुकाया था. वहीं समूह की चार कंपनियों अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडानी पोर्ट्स एंड सेज लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के उन शेयरों को छुड़ाने के लिए कम से कम 2.54 बिलियन डॉलर खर्च किए गए हैं, जिन्हें प्रवर्तकों के द्वारा गिरवी रखा गया था. अडानी समूह ने कम से कम 3,650 करोड़ रुपये के कमर्शियल पेपर्स का भुगतान किया था. ये कमर्शियल पेपर्स तीन घरेलू म्यूचुअल फंड्स को बेचे गए थे. इनमें एसबीआई म्यूचुअल फंड को 2,750 करोड़ रुपये, आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड को 500 करोड़ रुपये और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड को 450 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था.