मुरैना  ।  ग्वालियर-श्योपुर ब्राडगेज लाइन परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। नदी, नालों पर छोटे-बड़े पुलों के निर्माण के साथ ही ट्रैक बनाने का काम कई जगह पूरा हो गया है। रेलवे प्रयोग के तौर पर 10 किलोमीटर के हिस्से में ट्रेन का ट्रायल 10 दिन के भीतर करने की तैयारी रेलवे कर रहा है। इसके बाद छह माह के अंदर ग्वालियर के बिरला नगर से जौरा तक मेमू ट्रेन चलाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर से श्योपुर तक 199 किलोमीटर लंबी नैरोगेज लाइन की जगह 3000 करोड़ रुपये में ब्राडगेज लाइन बिछाई जा रही है। इस लाइन का काम तीन चरणों में होगा। पहला चरण बिरला नगर से सबलगढ़ तक। दूसरा चरण सबलगढ़ से श्यामपुर और फिर तीसरे चरण में श्यामपुर से श्योपुर तक बड़ी रेल चलाई जाएगी। फिलहाल बिरला नगर से सबलगढ़ तक करीब 78 किलोमीटर लंबे ट्रैक का काम चल रहा है। इसमें से बिरला नगर से बानमोर तक 10 किलोमीटर के हिस्से में प्रयोग के तौर पर मई महीने के पहले सप्ताह तक ट्रैन का इंजन दौड़ाया जा सकता है।

क्या होती है मेमू ट्रेन

मेन लाइन मल्टीपल इलेक्ट्रिक यूनिट (मेमू) ट्रेन में इंजन अलग से नहीं होता। यह मेट्रो ट्रेन की तरह होती है, जो ट्रेन के दोनों छोर से इंजन की तरह चलती है। इसका फायदा यह होता है, कि गंतव्य स्टेशन पर पहुचने पर ट्रेन के इंजन को आगे से खोलकर पीछे लगाने में बर्बाद होने वाला आधा घंटे तक का समय बचेगा। मेमू ट्रेन अधिकतम रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है, लेकिन रेलवे के अनुसार यह पैंसेजर ट्रेन होगी, जिसे 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ाया जाएगा।

इनका कहना है

पहले चरण में बिरला नगर से सबलगढ़ तक का ट्रैक तैयार हो रहा है, लेकिन हम पांच से छह महीने में बिरला नगर से अलापुर-जौरा तक मेमू ट्रेन शुरू कर देंगे। अभी बिरला नगर से बानमोर तक 10 किलोमीटर के ट्रैक पर आठ-दस दिन में इंजन चलाकर ट्रायल करेंगे।

आशुतोष, डीआरएम, झांसी रेल मंडल।