सनातन धर्म में रुद्राक्ष को बेहद पवित्र और पूजनीय माना जाता हैं जो कि भगवान शिव से जुड़ा हैं मान्यता है कि ​रुद्राक्ष शिव के आसुओं से निर्मित हैं। अधिक लोग रुद्राक्ष को धारण करना पसंद करते हैं कहा जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से जीवन की सभी परेशानियों व दुखों का अंत हो जाता हैं साथ ही भगवान शिव की कृपा भी बरसती हैं।

लेकिन रुद्राक्ष को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से ही व्यक्ति को इसे धारण करने का लाभ मिलता हैं लेकिन अगर कोई रुद्राक्ष से जुड़े नियमों की अनदेखी करता है तो उसे शिव के क्रोध को सहना पड़ता है ऐसे में अगर भी रुद्राक्ष धारण करने का विचार बना रहे हैं तो इससे पहले नियमों के बारे में जरूर जान लें तो आज हम आपको रुद्राक्ष से जुड़े नियम बता रहे हैं।

रुद्राक्ष से जुड़े जरूरी नियम-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार, पूर्णिमा और अमावस्या को माना जाता हैं मान्यता है इन दिनों में अगर शिव का ​रुद्राक्ष धारण किया जाए तो उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं इसकी के साथ रुद्राक्ष की माला कम से कम 27 मनके की होनी चाहिए तभी लाभ मिलता हैं। धार्मिक तौर पर रुद्राक्ष को पवित्र बताया गया हैं ऐसे में इसे हमेशा स्नान करने के बाद ही धारण करें और सोने से पहले इसे घर की पवित्र जगह पर उतार कर रख दें।

रुद्राक्ष की माला धारण करते वक्त शिव का स्मरण करते हुए ऊं नम: शिवाय इस मंत्र का जाप जरूर करें। रुद्राक्ष की माला हमेशा ही पीले और लाल रंग के धागे से ही बनी हुई पहननी चाहिए। लेकिन भूलकर भी इसे काले रंग के धागे में नहीं धारण करना चाहिए ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता हैं।