बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। वहीं पश्चिमी यूपी के किसान चिंता में हैं। अभी और बारिश के आसार है।

पश्चिमी यूपी में तेज हवा के साथ बेमौसम बरसात और तेज हवा से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल गिर गई तो सरसों की फलियां टूट गई हैं। वहीं आलू खेत की खुदाई प्रभावित हुई है। बताया गया कि 20 और 21 मार्च को भारी बरसात की आशंका जताई गई है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

बागपत में तेज हवा के साथ हुई बारिश, फसलों को नुकसान

बागपत जिले में शनिवार सुबह हवा के साथ बारिश होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। गेहूं और सरसों की फसलों के साथ ही सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है। आम का बोर भी खराब होने का डर सता रहा है।

सुबह को अचानक मौसम में बदलाव आया और तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। जिससे किसानों की गेहूं की फसल गिर गई। गेहूं में बाली आई हुई और बारिश के साथ हवा फसल नुकसानदायक रही। इससे गेहूं की पैदावार कम हो सकती है।

सरसों की फसल भी पककर तैयार है और बारिश के कारण उसके दाने गिर गए। इससे भी काफी नुकसान किसानों को हुआ है। बारिश के कारण आम के बोर में फफूंदी लगने का डर है और आम पर काफी बोर आने से उत्साहित बागवानों के चेहरे पर उदासी आ गई है। वहीं जिस आलू की अभी खोदाई नहीं हुई है, उसमें गलाव शुरू हो जाएगा। इसके अलावा भी तोरई व खीरा की फसल भी बारिश के कारण प्रभावित हुई है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि इस तरह बारिश के कारण किसानों को फसलों में काफी नुकसान है। गेहूं गिरने से पैदावार प्रभावित होगी तो सरसों का दाना भी गिर जाएगा और सब्जी की पैदावार भी इससे जरूर प्रभावित होगी।

मौसम में ठंडक हुई, कीचड़ से परेशानी बढ़ी

एक दिन पहले तक तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, वह शनिवार को 26 डिग्री सेल्सियस तक रहा। इस तरह मौसम में अन्य दिनों के मुकाबले ठंडक महसूस हुई। वहीं बारिश के कारण सड़कों पर कीचड़ से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। क्योंकि बागपत में कोर्ट रोड, शौकत मार्किट, यमुना रोड, बड़ौत में मुख्य बाजार व अन्य कई जगह काफी कीचड़ हो गई।

किसानों की चिंता बढ़ती जा रही

किसान मनोज यादव ने बताया कि गेहूं की फसल में बाली आ चुकी है और हवा के साथ बारिश होने से फसल गिर गई है। किसान विनोद शर्मा ने बताया कि पहले ही आलू के भाव कम होने से घाटा हो रहा है और अब बारिश से गेहूं व सरसों की फसल का उत्पादन भी प्रभावित होता दिख रहा है। बागवान उमर फरीदी ने बताया कि इस बार मौसम आम के लिए काफी अनुकूल लग रहा है और बोर भी काफी आया हुआ है। मगर बारिश से बोर में रोग लग सकता है। चौधरी रहीस ने बताया कि अभी आलू की पूरी तरह से खोदाई नहीं हो सकी, जिसके खराब होने का डर सता रहा है।

बिजनौर में हवा के साथ हुई बारिश से मौसम हुआ सर्द, गेहूं की फसल गिरी

बिजनौर में शुक्रवार शाम से ही मौसम ने करवट बदल ली। शुक्रवार और शनिवार मध्य रात्रि तेज हवा के साथ बारिश होनी शुरू हो गई। बारिश के साथ हवा चलने से तापमान में गिरावट हुई और ठंड में इजाफा हो गया। हवा और बारिश से गेहूं की फसल गिर गई। शनिवार देर शाम तक आसमान में बादल छाए रहे। जिले में चार एमएम बारिश मापी गई। बारिश व हवा चलने से जिले के तापमान में 6.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई।

जनपद में शनिवार दिनभर रुक रुक कर जिले में बारिश होती रही है। बारिश और हवा से जनपद में बिजली व्यवस्था भी चरमरा गई। बारिश से जनपद में तेजी से हो रही गन्ना बुवाई पर ब्रेक लग गया। पावर कोल्हुओं के संचालन भी प्रभावित हो गए हैं, वहीं आलू की खुदाई पर भी ब्रेक लग गया। किसान सोमेंद्र सिंह एवं लोकेंद्र सिंह का कहना है कि हवा के साथ बारिश से गेहूं की फसल गिर गई है। बारिश और हुई तो गेहूं की बाली पानी में पड़ी रहने से सड़ जाएंगी। इससे गेहूं के दाने काले पड़ जाएंगे और बाजार में उनके दाम अच्छे नहीं मिलेंगे।

किसान शीशपाल सिंह व सतपाल सिंह का कहना है कि गेहूं की फसल पकने को तैयार है। सरसों भी इसी स्थिति में है। बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, तो दोनों फसल बर्बाद हो जाएगी। क्षेत्र में आलू की खुदाई चल रही है। बारिश से उनकी खुदाई पर ब्रेक लग गया। ज्यादा बारिश से उन्हें भी नुकसान पहुंचेगा। भले ही जनपद में बहुत तेज बारिश न हुई, लेकिन टूटी सड़कों के गड्ढों में जलभराव होने से राहगीरों को परेशानी हुई। बारिश व हवा चलने से जिले के तापमान में 6.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई। जनपद का अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.0 डिग्री सेल्सियस मापा गया। जबकि शुक्रवार को जनपद का अधिकतम तापमान 30.0 डिग्री सेल्सियस मापा गया था।

मौसम प्रेषक सतीश कुमार का कहना है कि 20 मार्च तक मौसम खराब रहने की संभावना है। बारिश व हवा चलने से कहीं कहीं गेहूं की फसल गिर गई है।

बोले अधिकारी

इस समय बारिश के साथ हवा चलने से गेहूं की फसल पर असर आएगा। परंतु इससे बचाव के लिए किसान फसलों की सिंचाई न करें। खड़ी फसल की कम से कम 20 मार्च तक कटाई न करें। क्योंकि खड़ी फसल में कम नुकसान होता है। कटी फसल को ऊंचे स्थान पर रखकर तिरपाल या पॉलीथिन से ढक दें। अगर छायादार स्थान हो, तो वहां पर रखें। - डॉ. अवधेश मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी

बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि ने बढ़ाई मुसीबत

मुजफ्फरनगर में मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। करीब 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही बरसात के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त रहा। बसेड़ा में ओलावृष्टि हुई। गेहूं की फसल गिर गई। आलू के खेतों में जलभराव हो गया, जिससे फसल को खतरा बन गया है। तेज हवा के कारण शहर के मेरठ रोड पर पेड़ टूटकर गिर गया। इससे आवागमन प्रभावित हुआ।

शुक्रवार की रात से ही जिले के कई क्षेत्रों में बारिश शुरू हो गई थी। छपार क्षेत्र के बसेड़ा में ओलावृष्टि हुई। किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। बारिश के कारण दिन का अधिकतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। जबकि शुक्रवार रात का न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जिले में 27.0 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश के कारण गन्ने की बुआई और कोल्हू का संचालन प्रभावित हुआ। शनिवार को आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। बाजार भी सूने पड़े रहे। सड़कों पर वाहनों की संख्या भी प्रभावित हुई।

20 मार्च तक के लिए प्रशासन ने किया अलर्ट

जिले में बारिश को देखते हुए 20 मार्च तक अलर्ट जारी किया गया है। जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी का कहना है कि लोग पुराने जर्जर भवनों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। केवल आवश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकले। खुले सीवर व बिजली के तारों से बचकर रहे। निर्माण कार्य वाले स्थल से उचित दूरी बनाकर रखें।

यहां कर सकते हैं संपर्क

विद्युत ब्रेकडाउन के लिए हेल्पलाइन नंबर 1912 पर संपर्क कर सकते हैं। अन्य किसी समस्या मे इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेन्टर/जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के फोन नंबर 01312436918/9412210080 पर संपर्क कर सकते हैं। आकाशीय बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव एवं पूर्व चेतावनी के लिए दामिनी एप का प्रयोग करें।

सरसों को सबसे ज्यादा खतरा

बारिश होने से गेहूं व सरसों की फसलों को नुकसान होने से किसान बेहद चिंतित हैं। किसान राजेंद्र, हरबीर, शमशाद, प्रहलाद, समीर, आलोक, हरेंद्र का कहना है कि खेतों में सरसों की फसल तैयार खड़ी है। बारिश व हवा चलने से सरसों की फसल खेतों में नीचे गिर सकती है।

बारिश से गेहूं व सरसों की फसल को नुकसान

तेज मूसलाधार बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। गन्ने की बुवाई प्रभावित हो गई है। किसान गोल्डी राठी, प्रताप सिंह, नेपाल सिंह, मुबारक अली का कहना है कि बारिश से गेहूं और सरसों की फसलों को नुकसान हुआ है।

ककरौली में गिरी बिजली, उपकरण फुंके

ककरौली गांव में शुक्रवार रात तेज बारिश हुई। इसी दौरान बिजली गिरने से घरों के विद्युत उपकरण फुंक गए। ग्रामीण तोसीन, बिलाल, विकास जैन, आशु, लोतिया, गाटा, साकिब, भूरा, जुल्फिकार, बिट्टू आदि के विद्युत उपकरण जल गए। तौसीन का पानी का टैंकर धमाके की आवाज के साथ फट गया।

किसानों की फसल गिरी

बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। बसेड़ा और भैंसरहेड़ी में आलोवृष्टि हुई। किसान बिजेंद्र धीमान की सात बीघा गेहूं की फसल गिर गई है।
शामली में बारिश से फसलों पर आफत, गेहूं का फसल गिरी
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से शुक्रवार की देर रात मौसम ने करवट बदल ली है। शामली में शुक्रवार की देर रात से शनिवार को दिनभर तेज हवाओं के बाद रुक-रुक कर बूंदाबांदी होती रही और इससे गेहूं की फसल गिर गई। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले चार दिन यानी 21 मार्च तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।

शुक्रवार की देर रात पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो जाने के बाद थोडी देर के लिए हल्की बूंदाबांदी हुई। दिन निकलते ही शनिवार को सुबह से ही आकाश में पूरे दिन बादल छाए रहे। दोपहर बारह बजे के बाद हवा बंद होने के बाद बूंदाबांदी होती रही। कैराना शहर और ग्रामीण क्षेत्र में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बूंदाबांदी के बाद दिन का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान

कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर विकास मलिक ने बताया कि तेज हवा और बूंदाबांदी होने से गेहूं की फसल गिरने से नुकसान हुआ है, सरसों की फसल पककर तैयार है। पकी और कटी हुई सरसों की फसल को नुकसान है। सरसों में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी। इससे उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। दस प्रतिशत आलू की खुदाई के बाद आलू खुले में रखा है। उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी। उनका कहना है कि बूंदा-बांदी से गन्ने की बुआई प्रभावित हुई है।
सहारनपुर में बारिश के साथ चली हवा से गिरी गेहूं की फसल
सहारनपुर में हवा के झोंके के साथ शुक्रवार की रात को हुई बारिश से जनपद के कई स्थानों पर गेहूं की फसल गिर गई है। गिरे हुई गेहूं की फसल की उत्पादकता में तीन से चार फीसदी तक कमी आने की आशंका है। खेत में कटी पड़ी सरसों की फसल को भी क्षति हुई है। बारिश से वसंतकालीन गन्ना बुवाई भी बाधित हुई है।

बेमौसम हुई बारिश गेहूं, सरसों सहित अन्य रबी फसलों के लिए नुकसानदेह साबित होगी। जनपद में गेहूं की फसल का क्षेत्रफल करीब 1.10 लाख हेक्टेयर है। धान आदि की फसल को काटकर किसान गेहूं की अगेती प्रजातियों की बुवाई करते हैं। किसान गन्ने को मिल में सप्लाई करने के बाद भी बड़े क्षेत्रफल में गेहूं की पछेती प्रजातियों की खेती करते हैं।

शुक्रवार की रात हवा के साथ हुई बारिश के चलते जनपद के देवबंद, तल्हेड़ी बुजुर्ग, बड़गांव, रामपुर मनिहारान आदि क्षेत्रों में गेहूं की फसल गिर गई है। गिरी हुई गेहूं की फसल की उत्पादकता के साथ ही गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। कटी हुई सरसों की फसल भी प्रभावित हुई। बारिश होने से वसंतकालीन गन्ना बुवाई भी बाधित हुई है। गन्ना बुवाई करीब एक सप्ताह पछेती हो जाएगी। नीचे के खेतों में खड़ी सब्जियों में भी पानी भरने से नुकसान होगा।

उप निदेशक कृषि डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि बारिश से गेहूं की गिरी हुई फसल में तीन से चार प्रतिशत तक नुकसान होने की आशंका है। गेहूं की अगेती फसल में दाना बन गया है। गेहूं की पछेती फसल अपेक्षाकृत कम गिरी है। गिरी हुई गेहूं की फसल की कटाई में किसानों को परेशानी आएगी। खेत में कटी पड़ी सरसों की फसल में पानी भरने से उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी।

रामपुर मनिहारान में फसलों को नुकसान

रामपुर मनिहारान में शुक्रवार रात एक बजे आंधी के साथ तेज बारिश हुई। इससे किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं व सरसों की फसल धराशायी हो गई। करीब तीन घंटे तक तेज बारिश होने से सड़कें पानी से लबालब हो गई। किसानों रवि कुमार, राशिद चौधरी, भूपेंद्र पुंडीर, नरेंद्र पंवार, जुनैद चौधरी, मनोज पंवार आदि का कहना है कि गेहूं व सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

बड़गांव में हल्की ओलावृष्टि हुई

बड़गांव क्षेत्र में बारिश के साथ हुई ओलों की बौछार से मौसम एकबारगी सर्द हो गया। तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने गेहूं और सरसों की फसल को खेतों में गिरा दिया है।

बिजली गिरने से फुंके शुगर मिल के लोड सेल

बरसात में बिजली गिरने से बजाज हिंदुस्थान शुगर मिल गांगनौली में लोड सेल फुंकने से लाखों रुपये का नुकसान हो गया। शुगर मिल के गन्ना प्रबंधक अनिल कुमार चौहान ने बताया कि रात बिजली की गड़गड़ाहट से केन यार्ड में लगे गन्ना तौल तीन कांटों के 14 लोड सेल खराब हो गए, साथ ही दो कंप्यूटर भी खराब हो गए। इससे करीब 12 घंटे तौल केंद्र को बंद रखना पड़ा। बाद में मेरठ से लोड सेल लाए गए जिसके बाद गन्ना तौल सुचारु रूप से चल सका। उन्होंने बताया कि करीब साढ़े तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है। उधर, गंगोह में शनिवार सुबह बिजली गिरने से सिल्वर ओक पब्लिक स्कूल के पास लगा विद्युत ट्रांसफार्मर फुंक गया। विद्युत संविदाकर्मियों ने उसे उतरवा कर मरम्मत के लिए भिजवाया।

अगले चार दिन गरज के साथ बारिश की सभावना

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ मध्यम वर्षा की संभावना है। बारिश की तीव्रता 20 व 21 मार्च को अधिक रहेगी। इसके प्रभाव से दिन के तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। किसी भी खड़ी फसल में सिचाई न करें एवं खेत मे पकी सरसों की फसल की कटाई मड़ाई कर सुरक्षित कर लें। - डॉ0 यूपी शाही, ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ

लगातार 50 घंटे ड्यूटी से बिगड़ी संविदा कर्मी की हालत

भोपा। भोपा निवासी आशु मलिक भोपा विद्युत उपकेंद्र पर संविदा पर एसएचओ के पद पर तैनात हैं। शुक्रवार को वह विद्युत उपकेंद्र पर अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान विद्युत कर्मियों की हड़ताल के चलते भोपा विद्युत उपकेंद्र पर कोई विद्युत कर्मी नहीं आया तो उसे 50 घंटे उसे लगातार ड्यूटी करनी पड़ी। शुक्रवार रात उनकी हालत बिगड़ गई। एसडीएम जानसठ ने पता चलने पर उपचार के लिए चिकित्सक भेजे। 50 घंटे की ड्यूटी के बाद और स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण आशु मलिक को ड्यूटी से घर भेजा गया।