चंडीगढ़ । इसी साल विधानसभा चुनावों के दौरान अपनी सरपंच पत्नी के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले एक एक व्यक्ति को तरनतारन के खेमकरण से 30 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस की ये कार्रवाई सात ड्रग तस्करों की गिरफ्तारी के एक दिन बाद आई है। गौरतलब है ‎कि फरीदकोट में एक रेल ट्रैक पर खुलेआम ड्रग्स बेचने वाले एक व्यक्ति के पास नशेड़ियों की भीड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के तुरंत बाद पुलिस ने इन सात ड्रग तस्करों को पकड़ा था जिनके पास से 300 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी। पुलिस ने जसवंत सिंह को ग्राम पधारी के पास से गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ झाबल थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।  विपक्ष का दावा है कि ड्रग ओवरडोज से होने वाली मौतों में कोई कमी नहीं आई है। पूर्व विधायक कंवर संधू ने दावा किया कि पिछले एक सप्ताह में ऐसी सात मौतें हुई हैं। 
जानकारी के मुता‎बिक पिछले एक सप्ताह में ड्रग ओवरडोज या लत के कारण कम से कम 10 मौतों का पता लगाया है। 3 मई को खडूर साहिब के अलावलपुर गांव के रूपिंदरजीत सिंह (36) तरनतारन के एक मोहल्ले में मृत पाए गए थे। परिजन उसके शव को थाने ले गए जहां दो अज्ञात लोगों के खिलाफ रूपिंदरजीत को नशीला पदार्थ बेचने का मामला दर्ज किया गया। उनकी एक साल की बेटी है। उसी दिन, 28 वर्षीय करमजीत सिंह की सरकारी मेडिकल कॉलेज फरीदकोट में मृत्यु हो गई, जहां उनका नशीली दवाओं की लत का इलाज चल रहा था। उसके भाई की पिछले साल नशे की वजह से मौत हो गई थी। 2 मई को जलालाबाद के गांव जलेवाला के ओम प्रकाश की लाश मिली थी। उसकी मां के मुताबिक वह पिछले एक महीने से नशे की लत का इलाज करा रहा था। उसी दिन गुरदासपुर के शहर बटाला में आरडी खोसला स्कूल के पास नवविवाहित गुरप्रीत सिंह मृत पाया गया। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि वह नशे का आदी था और पुलिस को यह भी संदेह है कि उसकी मौत ओवरडोज से हुई है। 
2 मई को ड्रग ओवरडोज से दो और मौतें हुईं - एनडीपीएस एक्ट के दोषी लट्टी को अमृतसर के गांव काले में मृत पाया गया, और फिरोजपुर के गांव गोरहा चक के 26 वर्षीय अमरीक सिंह की भी ड्रग ओवरडोज से मौत हो गई। 30 अप्रैल को मुक्तसर के झोरार गांव के सतविंदर सिंह (23) अपने घर के शौचालय में नसों में सिरिंज के साथ मृत पाए गए थे। 29 अप्रैल को फिरोजपुर के अंकू गांव के संतोख सिंह (25) की कथित ड्रग ओवरडोज से मौत हो गई। बाद में, तरनतारन के धारीवाल गांव के 35 वर्षीय शिंदरपाल सिंह की भी कथित तौर पर ड्रग ओवरडोज के कारण मौत हो गई। उसके परिवार के अनुसार वह पास के गांव चुसलेवार से नशा करके आया था। मलोट के बाबा दीप सिंह नगर निवासी जय प्रकाश (22) की 28 अप्रैल को कथित तौर पर ड्रग ओवरडोज से मौत हो गई थी। पंजाब में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक जसवंत की पत्नी कांग्रेस के टिकट पर दशमेश नगर से सरपंच चुनी गईं। यह दंपति पंजाब में 20 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव से पहले आप में शामिल हो गया था। उस समय खेमकरण से आप उम्मीदवार और अब विधायक सरवन सिंह धुन ने अपने फेसबुक पेज पर जसवंत की पार्टी में शामिल होने की तस्वीरें साझा की थीं। शिरोमणि अकाली दल बादल के पूर्व विधायक विरसा सिंह वाल्टोहा ने जसवंत की आप विधायक सरवन सिंह धुन के साथ तस्वीरें पोस्ट शेयर कीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्राथमिकी की एक कॉपी भी शेयर की और पूछा कि क्या यह वह बदलाव था जिसके लिए लोगों ने मतदान किया था। इन आरोपों पर आप के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र के प्रभारी बलजीत सिंह खैरा ने कहा ‎कि चुनाव से पहले कई लोग आप में शामिल हुए। उनकी साख जांचने का समय नहीं था लेकिन अगर कोई किसी गलत काम में शामिल है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 50 दिन पुरानी आप सरकार के लिए मादक पदार्थ का खतरा अब बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। 2 मई को आप के फरीदकोट विधायक गुरदित सिंह सेखों ने आरोप लगाया था कि उनके पैतृक गांव मचाकी खुर्द में ड्रग तस्करों ने सामाजिक कार्यकर्ता बलजीत सिंह पर हमला किया, जब उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश की। सेखों ने तब कहा था ‎कि नशीले पदार्थों के तस्करों के गिरोह हैं। बहुत सारा पैसा शामिल है। कई ताकतवर लोग इस गठजोड़ में हैं। मैंने नशीली दवाओं की तस्करी रोकने के लिए एक टीम बनाई थी और बलजीत उसका सदस्य था। अगर हमारे ही लोगों को पीटा जा रहा है तो हम जनता से क्या न्याय का वादा कर सकते हैं।