अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होने वाली है। जो लोग अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं, उन्हें अमरनाथ जाने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। हर दिन केवल 20 हजार रजिस्ट्रेशन होंगे। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 11 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। हर यात्री को रजिस्ट्रेशन फीस के 100 रुपए लगेंगे। और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक या यस बैंक की किसी भी नजदीकी ब्रांच में जाकर कराया जा सकता है। आवेदक को इसके लिए अपना आधार कार्ड, 4 पासपोर्ट साइज फोटो और सरकारी अस्पताल से बनवाया गया हेल्थ सर्टिफिकेट देना होता है। रजिस्ट्रेशन फीस देने के बाद रजिस्ट्रेशन हो जाता है और उपलब्ध स्लॉट के हिसाब से यात्रा की तारीख मिल जाती है। इसकी डिटेल बैंक से मिलने वाली रसीद पर होती है।

अमरनाथ यात्रा के लिए 6 सप्ताह से ज्यादा की गर्भवती महिलाएं। 13 साल से कम उम्र के बच्चे। 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग यात्रा नहीं कर स‍कतें। अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए दो रास्ते हैं अनंतनाग जिले के पहलगाम से और दूसरा रास्‍ता गांदरबल जिले के बालटाल से। अमरनाथ पहुंचने के लिए पहले जम्मू तक जाना होगा। जम्मू से श्रीनगर तक का सफर करना होगा। श्रीनगर से आप अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम या बालटाल पहुंच सकते हैं। श्रीनगर तक पहुंचने के लिए पर्सनल कार या बस से जा सकते हैं। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के कई शहरों से श्रीनगर तक डायरेक्ट बस जाती हैं। जम्मू के लगभग हर बड़े शहर से भी डायरेक्ट बस है। लेह और कटरा से भी श्रीनगर तक बस चलती है। और श्रीनगर तक कोई भी डायरेक्ट ट्रेन नहीं है। श्रीनगर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन उधमपुर या जम्मू तवी है। जम्मू तवी और उधमपुर तक आप आसानी से ट्रेन से जा सकते हैं। इन दोनों स्टेशनों पर उतरकर बस या टैक्सी से श्रीनगर जा सकते हैं।

बालटाल मार्ग से अमरनाथ गुफा जाने का रास्ता के लिए जम्मू से बालटाल कैब या बस से लगभग 10 घंटे में पहुंच सकते हैं। बालटाल से अमरनाथ गुफा लगभग 14 किलोमीटर दूर है। बालटाल से अमरनाथ गुफा जाने वाले रास्ते पर एक दिन की ट्रैकिंग के बाद दर्शन करके लौटा जा सकता है। बालटाल से अमरनाथ गुफा का रास्ता कठिन और खड़ी चढ़ाई वाला है। इसके बावजूद अगर आप जल्दी से दर्शन करके लौटना चाहते हैं तो ये रास्ता बेस्ट है। इसके अलावा आप दिल्ली, चंडीगढ़ और मुंबई जैसे कई बड़े शहरों से श्रीनगर तक डायरेक्ट फ्लाइट से जा सकते है। 

पहलगाम मार्ग से अमरनाथ गुफा जाने का रास्ता के लिए जम्मू से पहलगाम कैब या बस से लगभग 7 घंटे में पहुंच सकते हैं। पहलगाम से अमरनाथ गुफा लगभग 36 किलोमीटर दूर है। पहलगाम से अमरनाथ गुफा पहुंचने में लगभग 2-3 दिन की चढ़ाई करनी पड़ती है। पहलगाम से अमरनाथ पहुंचने का पहाड़ी रास्ता बालटाल से निकलने वाले रास्ते की तुलना में अधिक आसान और सपाट है। अधिकतर बुजुर्ग पहलगाम वाला मार्ग चुनते हैं।

एक दिन में सिर्फ 10 हजार तीर्थयात्री ही पैदल जा सकते हैं। हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वालों की संख्या अलग से तय होती है। पर्वतीय बचाव दलों के अलावा, जम्मू-कश्मीर पुलिस तीर्थ यात्रियों के लिए चिकित्सा शिविर लगाती है। इसके अलावा मार्ग में जगह-जगह पर सेना के शिविर और हेल्थ कैम्प भी होते हैं।अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड रहने-खाने का इंतजाम करता है। इसके अलावा कई एनजीओ और धार्मिक संगठन भी इंतजाम करते हैं। अमरनाथ जी यात्रा श्राइन बोर्ड, यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर रेस्टिंग हट तैयार करवाता है। इन हट्स में बेड किराए पर मिलते हैं। यहीं पर यात्रियों के लिए टॉयलेट और वॉशरूम होते हैं। अमरनाथ की यात्रा के दौरान कई ऑर्गनाजेशन फ्री में लंगर लगाते हैं। सरकारी दुकान या टी-स्टाल और रेस्टोरेंट से भी आप अपने जरूरत की चीजें जैसे स्नैक्स, साबुन आदि खरीद सकते हैं।

अनंतनाग जिले में पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले में बालटाल दोनों ही रास्ते से यात्रा एक साथ शुरू की जाएगी। हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वालों को छोड़कर, प्रत्येक मार्ग पर एक दिन में केवल 10,000 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी। तीर्थयात्रियों के लिए बालटाल और डोमेल के बीच 2.75 किमी तक चलने वाली बैटरी कार सेवा होगी। इस साल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए श्राइन बोर्ड वहां से गुजरने वाले वाहन और यात्रियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन ) को यूज करेगा। सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी टैग कार्ड जारी किए जाएंगे। अमरनाथ में रुकने के लिए काफी सस्ती धर्मशालाओं और मुफ्त भोजन की व्यवस्था होती है। ऐसे में अगर आप स्लीपर ट्रेन से जाते हैं और बिना किसी लग्जरी सुख-सुविधा के अमरनाथ यात्रा करते हैं, तो एक व्यक्ति का खर्च देश के किसी भी कोने से लगभग 5000 रुपए आता है। इस खर्च में बाबा बर्फानी के दर्शन करके भी लौट सकते हैं।