भोपाल । उद्योगों के खतरनाक अपशिष्ट, जहरीले व प्रदूषित कचरे का निपटान करने का प्लांट लगाने के लिए  इंदौर औद्योगिक विकास निगम से गुजरात की वेस्ट मैनेजमेंट सॉल्यूशन कंपनी ने 40 एकड़ जमीन खरीदी है। कंपनी ने औद्योगिक विकास निगम इंदौर से यहां 125 करोड़ रुपए निवेश करने और 250 लोगों को रोजगार देने का करार किया है। औद्योगिक विकास निगम इंदौर के अनुसार गुजरात की कंपनी ने लगभग 10 करोड़ रुपए में 40 एकड़ जमीन खरीदी है। इसमें हैरानी की बात यह है कि 70 एकड़ वाले इस औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों के लिए भूखंड बेचने में एमपीआईडीसी को पसीने छूट गए। लगभग 5 साल बाद किसी कंपनी ने यहां जमीन खरीदी है।
इंदौर औद्योगिक विकास निगम ने इंदौर-पीथमपुर-धार की सीमा से बाहर निकलकर  अपनी संभागीय सीमा के अन्य नए जिलो में नए औद्योगिक क्षेत्र इसलिए बनाए थे कि यहां की उद्योग संवर्धन नीतियां, सस्ती बिजली, सस्ता श्रम होने की वजह से निवेश करने के लिए पड़ोसी राज्यों के उद्योग संचालक आकर्षित होंगे। इसी के चलते  लगभग सात साल पहले इंदौर औद्योगिक विकास निगम ने झाबुआ जिले में नया औद्योगिक क्षेत्र बनाते वक्त यही सोचा था कि वहां सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं ,बल्कि गुजरात की कंपनियां भी निवेश करेंगी, मगर पिछले सालों में आयोजित सभी इन्वेस्टर समिट से लेकर अब तक निवेश आमंत्रण के बावजूद  वहां पर निवेश करने के लिए किसी कंपनी ने  कदम आगे नहीं बढ़ाए। इंतजार करते-करते लगभग पांच साल गुजर गए, मगर इस औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों की आमद  नहीं हुई।  
 इस मामले में उद्योगपतियों का कहना है कि यहां की जमीन पथरीली है, इस वजह से उद्योगपति  यहां अपने  उद्योग लगाने से कतराते हैं। यही कारण है कि अधिकारियों के हर जतन के  बावजूद कोई  भी कंपनी आने को तैयार नहीं थी।  मगर अब वक्त बदलता दिखाई नजर आ रहा है।  आखिरकार 5 साल बाद इस औद्योगिक क्षेत्र में नए साल 2022 में जमीन खरीदी का  खाता खुल ही गया। उद्योगपतियों का कहना है कि अब एक कंपनी ने जमीन खरीदकर शुरुआत कर दी है, इसलिए अब अन्य कंपनियां भी उद्योग लगाने के लिए आएंगी। कसारवर्डी में लगने जा रहे इस प्लांट में पीथमपुर सहित धार जिले के अलावा आसपास के औद्योगिक क्षेत्र सहित गुजरात के उद्योगों के खतरनाक अपशिष्ट  पदार्थ व कचरे का निपटान  किया जाएगा।