देहरादून । तीर्थयात्रियों के लिए चारधाम यात्रा अप्रैल माह से शुरू हो गई है। चारधाम यात्रा में बार-बार मौसम खराब होने से प्रशासन के साथ-साथ श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। वहीं अब तक औसतन हर रोज 2 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ये मौतें कार्डियक अरेस्ट या क्रोनिक पल्मोनरी डिजीज के कारण हुई हैं। 27 दिनों के दौरान करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने गढ़वाल हिमालय में 10 हजार फीट से ऊपर स्थित चार हिमालयी मंदिरों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में पूजा की है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार लगभग 24 सौ लोगों को उनकी खराब स्वास्थ्य स्थिति के कारण यात्रा पर जाने से पहले अधिकारियों द्वारा चेतावनी दी गई थी। उन लोगों से एक कागज पर हस्ताक्षर कराए गए, जिस पर लिखा था कि तीर्थ यात्रा के दौरान अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके स्वयं जिम्मेदार होंगे। फेफड़े की समस्या से पीड़ित लगभग 7 हजार तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य निगरानी टीम ने उनके स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर दिया।
नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एक वरिष्ठ चिकित्सक ने मीडिया को बताया कि 27 दिनों में 58 मौतें दर्ज की गई हैं, उनमें से ज्यादातर कार्डियक अरेस्ट से संबंधित हैं और केदारनाथ में हुई हैं। इन तीर्थयात्रियों की या तो ट्रैक मार्ग पर या होटलों में मृत्यु हो गई। मृतकों में सबसे अधिक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के थे। केदारनाथ यात्रा से लौटी गुजरात की 44 वर्षीय तीर्थयात्री रजनी कुमारी ने कहा कि इतनी दूर आने के बाद कोई भी मंदिर में दर्शन किए बिना वापस नहीं जाना चाहेगा, इसलिए हमारे परिवार के तीन सदस्यों ने पोर्टेबल सिलेंडर ले जाना पसंद किया।
राज्य सरकार ने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एडवायजरी भी जारी किया है। एडवाइजरी में तीर्थ यात्रा पर आने वालों से रोजाना 5-10 मिनट तक ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना चाहिए, इसके साथ ही हर रोज 20-30 मिनट टहलने की सलाह दी गई है। इसके अलावा हृदय रोग, अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर या मधुमेह से पीड़ित यात्री यात्रा के लिए फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ चेकअप करवाएं। वहीं इन बीमारियों से पीड़ित तीर्थयात्रियों के अपने घरेलू डॉक्टर के संपर्क नंबर के अलावा सभी मौजूदा दवाएं और जांच उपकरण साथ रखने के लिए कहा गया है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अगर डॉक्टर मना करते हैं तो यात्रा नहीं करें।