उज्जैन | भारतीय संविधान में देश के नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों के तहत अनुच्छेद 25 से लेकर 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार हैं। लेकिन महाकाल प्रबंध समिति व भाजपा शासन प्रशासन द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है। महाकाल प्रबन्ध समिति द्वारा सप्ताह में मात्र चार दिवस निशुल्क दर्शन व्यवस्था नियत करने का निर्णय गैर कानूनी है। वहीं, करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए महाकाल लोक की मूर्तियां एक आंधी में खंडित हो गईं, लेकिन भाजपा सरकार जिम्मेदारी तय करने के बजाए भ्रष्टाचारियों को बचाने में लग गई। भाजपाइयों ने अपने लाभ के लिए भगवान तक को नहीं छोड़ा। यह आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुबोध स्वामी ने महाकाल मंदिर प्रशासक के निर्णय, जिसमें सप्ताह में मात्र चार दिन निशुल्क दर्शन व्यवस्था नियत करने में मंदिर के समक्ष किए गए प्रदर्शन के दौरान कहीं।

स्वामी ने कहा कि शनिवार रविवार जब स्कूलों और कार्यालयों की छुट्टियां रहती है और आम नागरिक उज्जैन, बाबा महाकाल दर्शन के भाव से आता है। किंतु निशुल्क दर्शन व्यवस्था नहीं होने से वह अपने आपको ठगा सा महसूस करता है। उसकी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, महाकाल भगवान को भाजपा ने कमाई का जरिया बना लिया है। स्वामी ने कहा कि महाकाल प्रशासक अगर जनहित में निर्णय वापस नहीं लेता है तो संविधान का उल्लंघन करने पर जनहित में उच्च न्यायालय में आम आदमी पार्टी याचिका दायर करेगी