श्रीनगर । श्री अमरनाथ जी की तीर्थयात्रा में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं के पास आधार कार्ड होना जरूरी है, अन्यथा वह बाबा बर्फानी के दर्शन से वंचित रहे सकते हैं। इसकारण जरूरी है कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है वह इसे बनवाएं और फिर इस प्रमाणित भी करवाएं। इस संदर्भ में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। इस वर्ष यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए बालटाल और नुनवन (पहलगाम) में 35 हजार श्रमिकों का पंजीकरण होगा। 
इतना ही नहीं, श्रद्धालुओं को घोड़े-खच्चर की सेवा उपलब्ध कराने वालों को रेडियो फ्रैक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा में मंगलवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पवित्र हिमलिंग स्वरूप में विराजमान भगवान शंकर की प्रथम पूजा होगी। इसमें श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीतिश्वर कुमार और बोर्ड के अन्य अधिकारियों व श्री अमरनाथ यात्री न्यास के पदाधिकारी भाग लेने वाले हैं। श्राइन बोर्ड हर वर्ष तीर्थयात्रा के शुभारंभ से पूर्व ज्येष्ठ पूर्णिमा को पवित्र गुफा में भगवान की शंकर की पूजा अर्चना और हवन का आयोजन करता है। 
 श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होने में अब 20 दिन से भी कम का समय रह गया है। इस बार यात्रा को सुगम बनाने के लिए श्रीनगर से ही हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने के साथ कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है। श्रद्धालुओं से कहा जा रहा है कि यात्रा के लिए केवल स्वास्थ्य प्रमाणपत्र को अपने स्वास्थ्य का गारंटी कार्ड समझने की भूल न करें। डाक्टरों का कहना है कि यात्रा में आने से पहले अपने शरीर को इन दुर्गम रास्तों पर चलने के लिए तैयार करें।
प्रदेश प्रशासन ने आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास विभाग के विशेष सचिव सूरज प्रकाश को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड में आपदा प्रबंधन एवं संबंधित कार्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, ताकि कार्य के दौरान कोई मुश्किल पेश न आए। साथ ही तहसीलदार लताफत कादिर शाल और आपदा प्रबंधन विभाग के सलाहकार वसीम शफी डार को राहत एवं पुनर्वास श्रीनगर के कार्यालय में जिला उपायुक्त उनकी मदद के लिए नियुक्त किया है। श्रीनगर के डलगेट स्थित टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर में सभी 45 शिविर निदेशकों की कार्यशाला भी सोमवार को समाप्त हो गई। इसमें अमरनाथ यात्रा की तैयारियों पर चर्चा की गई। लोक कार्य सड़क एवं भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर ने यात्रा मार्ग पर सड़क, पुलों, शेड और फुटपाथ की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। कश्मीर ऊर्जा वितरण निगम के चीफ इंजीनियर ने श्रद्धालुओं के शिविरों और पवित्र गुफा में बिजली आपूर्ति के लिए लगाए जा रहे ट्रांसफार्मर और ट्रांसमिशन लाइन क बारे में जानकारी दी। जलशक्ति विभाग ने पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के बारे में बताया।
श्राइन बोर्ड के सीईओ नीतिश्वर कुमार ने बालटाल में यात्रा मार्ग का हवाई सर्वे किया। उन्होंने 700 बिस्तर की क्षमता वाले डीआरडीओ अस्पताल, लंगर, सुरक्षा प्रबंध भी जांचे। उन्होंने टेंट सिटी का भी मुआयना किया। टेंट सिटी में करीब 800 टेंट लगाए जा रहे हैं। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरके गोयल ने सांबा और कठुआ में यात्रा के प्रबंध जांचे। सांबा में आठ हजार श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 22 केंद्र और कठुआ जिले में 31 केंद्र बनाए गए हैं।