इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 02 अप्रैल से हो रही है, जो कि 11 अप्रैल तक रहेगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां जगदंबे के नौ स्वरुपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि का महापर्व पूरे भारत में काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से वो अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। साथ ही अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। नवरात्रि के दिनों में लोग अपने घर में अखंड ज्योति जलाते हैं और इन नौ दिनों में मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। इसके अलावा मां जगदंबे की विशेष कृपा पाने के लिए इन नौ में कुछ उपाय भी करने चाहिए। तो चलिए जानते हैं नवरात्रि में माता रानी को प्रसन्न करने के लिए क्या करें और क्या न करें...

 
अखंड ज्योति यदि आप मां जगदंबे को प्रसन्न करने करने के लिए उनके समक्ष 9 मिट्टी के दीपक में अखंड ज्योति जलाएं, तो विशेष फल मिलता है।, लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि ये ज्योति बुझनी नहीं चाहिए।

 
लाल फूल और लाल चुन्नी लाल रंग मां दुर्गा का सबसे प्रिय रंग माना जाता है। इसलिए पूजा में लाल फूल, लाल चुन्नी और आसन के तौर पर लाल रंग के कपड़े का इस्तेमाल करें।

 
सोलह श्रृंगार नवरात्रि में मां दुर्गा के सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। ऐसे में श्रृंगार के सामान में लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, काजल, मेहंदी, महावर, शीशा, बिछिया, इत्र, चोटी, गले के लिए माला या मंगलसूत्र, पायल, नेल पेंट, लिपस्टिक, रबर बैंड, नथ, गजरा, मांग टीका, कान की बाली, कंघी, शीशा आदि का इस्तेमाल करना चाहिए।

 
दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ माता रानी का आशीर्वाद पाने के लिए पूजा करने के बाद दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। यदि दुर्गा सप्तशती इस दुर्गा चालीसा का पाठ नहीं कर सकते, तो कम से कम 'ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' की एक माला हर रोज अवश्य करें।